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________________ 96 अनेकान्त 63/1, जनवरी-मार्च 2010 धनपाल जैन, श्री रूपचन्द कटारिया, महामंत्री श्री विनोद कुमार जैन एवं मंत्री श्री योगेश जैन ने किया। विद्वद्वय के उद्बोधन के पूर्व मुख्तार जी का परिचय श्री सुभाष जैन, अध्यक्ष- वीर सेवा मंदिर ने दिया। उन्होंने वीर सेवा मंदिर की स्थापना काल से अद्यावधि पर्यन्त कार्यो का लेखाजोखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस संस्थान को प्रारम्भ में दरियागंज दिल्ली, फिरोजाबाद तथा कलकता के प्रबुद्ध वर्ग का भरपूर सहयोग मिला और आज भी दिल्ली के प्रबुद्ध श्रेष्टि वर्ग का सहयोग मिल रहा है। विद्वानों का भी समयोचित सहयोग मिलता रहा है। विशेष रूप से डॉ. ज्योति प्रसाद जैन, पंडित परमानन्द शास्त्री तथा पंडित पदमचंद शास्त्री के अवदान से संस्थान उपकृत है। भावी गतिविधियों की जानकारी महामंत्री श्री विनोद कुमार जैन ने देते हुए बताया कि वर्तमान में ग्रंथागार में उपलब्ध महत्त्वपूर्ण ग्रंथों, पांडुलिपियों का स्केन कार्य चल रहा है जिसे बेबसाइट के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित करने की योजना है। व्याख्यानमाला में सहभागिता करने आये समागत विद्वानों- सर्वश्री डॉ. श्रेयांस कुमार जैन बडौत, डॉ. कपूर चंद जैन खतौली, डॉ. नरेन्द्र कुमार जैन गाजियाबाद, डॉ विजय कुमार झॉ श्रीमहावीर जी, श्री जगदीश प्रसाद जैन मुजफ्फनगर, दिल्ली के प्रो. एम. एल. जैन दरियागंज , डॉ. सुरेशचंद जैन, डॉ. वीर सागर जैन दिल्ली, डॉ. अरुणा आनन्द दिल्ली, तथा कार्यकारिणी के सदस्य गण व अन्य अन्य समाज के उपस्थित प्रतिष्ठित व्यक्तियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए श्री योगेश जैन मंत्री ने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी संस्थान की गतिविधियों के प्रति इसी तरह का सक्रिय सहयोग प्राप्त होता रहेगा । - विनोद कुमार जैन - योगेश जैन महामंत्री मंत्री वीर सेवा मंदिर, दरियागंज, नई दिल्ली-2
SR No.538063
Book TitleAnekant 2010 Book 63 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2010
Total Pages384
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size1 MB
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