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________________ अनेकान्त 59/3-4 106 निर्वाण प्राप्त होता है तथा नरक और तिर्यञ्च गति का बन्ध नहीं होता है।28 अन्त में मात्र इतना ही कहना है कि - जो पहले भव में क्षेमपुर नगर के स्वामी तथा सबके द्वारा स्तुति करने योग्य नन्दिषेण राजा हुये। फिर तप कर नव ग्रैवेयकों में से मध्य के ग्रैवेयक में अहमिन्द्र हुये, तदनन्तर बनारस नगरी में शत्रुओं को जीतने वाले और इक्ष्वाकु कुल के तिलक महाराजा सुपार्श्व हुये वे सप्तम तीर्थङ्कर आप सबकी रक्षा करें। सन्दर्भ: 1. जैनधर्म का प्रचीन इतिहास, प्रथम भाग, पृष्ठ 129, 2. (क) जैनधर्म का प्राचीन इतिहास प्रथम भाग, पृष्ठ 128, 3 (ख) भगवान् महावीर और उनका तत्त्व दर्शन, पृष्ठ 215-218, 4. वही, पृष्ठ 216, 5. वही, पृष्ठ 217, 6. वही, पृष्ठ 217, 7. वही, पृष्ठ 217, 8. ग्रन्थराज ध्यानतीर्थ श्री सम्भेद शिखर जी, पृष्ठ 137, 9. वही, पृष्ठ 137, 10. श्री बनारस पार्श्वप्रभु प्रतिष्ठा महोत्सव स्मारिका-2000, पृष्ठ 21, 11. जिनरत्नकोश, पृष्ठ 445, 12. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग 6, पृष्ठ 81-82, 13. जिनरत्नकोश, पृष्ठ 445, 14. जिनरत्नकोश, पृष्ठ 445, 15. स्तुतिविद्या, पद्य 29, 16. (क) श्री चतुर्विंशति सन्धान महाकाव्य, पद्य 7, 16. (ख) जिनरलकोश, पृष्ठ 445, 17. जैन भारती (वीतराग वन्दना विशेषाङ्क), वर्ष 42 अङ्क 9-10 सित.-अक्टू. 94 पृष्ठ 7, 18. (क) जैन पूजा-काव्य . एक चिन्तन, पृष्ठ 381, (ख) जिनेन्द्र पूजाञ्जलि, पृ.112, 19. जैन पूजा काव्य : एक अनुचिन्तन, पृष्ठ. 252, 20. जैनधर्म का प्राचीन इतिहास, प्रथम भाग, पृष्ठ 129, 21. जैनधर्म का प्राचीन इतिहास, प्रथम भाग, पृष्ठ 129, 22. जैन कला एवं स्थापत्य, पृष्ठ 52, 23. मथुरा का सांस्कृतिक जैन पुरा वैभव, पृष्ठ 23, 24. जैनधर्म का प्राचीन इतिहास, प्रथम भाग, पृष्ठ 129, 25. भारतीय दिगम्बर जैन अभिलेख, पृष्ठ 54, 26. भारतीय दिगम्बर जैन अभिलेख, पृष्ठ 191, 27. भगवान् महावीर और उनका तत्त्वदर्शन, पृष्ठ 516, 28. भगवान् महावीर और उनका तत्त्वदर्शन, पृष्ठ 517, 29. भगवान् महावीर और उनका तत्त्वदर्शन, पृष्ठ 218 प्रोफसर-जैनदर्शन संस्कृत विद्या एवं धर्म विज्ञान संकाय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी
SR No.538059
Book TitleAnekant 2006 Book 59 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2006
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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