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________________ हिन्दू धर्म का हिस्सा नहीं है जैनः सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि जैन धर्म हिन्दू धर्म का हिस्सा नहीं है और इस समुदाय को अपने शिक्षण संस्थान स्थापित करने तथा उनके संचालन का अधिकार है। न्यायमूर्ति एस.बी. सिन्हा और न्यायमूर्ति दलबीर भण्डारी की दो सदस्यीय खण्डपीठ ने उत्तर प्रदेश के एटा जिले में जैन समुदाय के कन्या जूनियर हाई स्कूल के एक शिक्षक की सेवायें समाप्त करने से सम्बंधित मामले में यह व्यवस्था दी। न्यायालय ने संविधान निर्माताओं द्वारा जैन समाज को अल्पसख्यक समुदाय के रूप में मान्यता दिये जाने और इसके प्रमाण संविद सभा की कार्यवाही में मौजूद होने का अपने फैसले में जिक्र किया। फैसले के अनुसार चूंकि उ.प्र. सरकार ने एक समय यह स्वीकार किया था कि जैन समुदाय, जो राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय है, ने यह स्कूल स्थापित किया है, इसलिए अब उ.प्र. बेसिक शिक्षा परिषद भिन्न दृष्टिकोण नहीं अपना सकता। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि एक धर्म विशेष के सदस्य द्वारा संस्था के संचालन मात्र से उसे अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा संचालित संस्था नहीं माना जा सकता है। न्यायलय ने कहा है कि राज्य के जनसंख्या के आंकड़ों के आधार पर ही अल्पसंख्यक स्तर का निर्धारण किया जाता है। जैन शिक्षण संस्थान के अल्पसंख्यक दर्जे के सम्बंध में हाई कोर्ट की व्यवस्था को नजरअंदाज करते हुये एकल न्यायाधीश के हस्तक्षेप को अनुचित करार दिया। हाई कोर्ट की खण्डपीठ ने कहा था कि संस्थान को अल्पसख्यक संस्था का दर्जा प्राप्त होने के कारण इसे किसी शिक्षक की सेवायें समाप्त करने से पहले जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की अनुमति लेना आवश्यक नहीं है। लेकिन एकल न्यायाधीश ने इस टिप्पणी को नजरअंदाज करते हुये अप्रैल, 2003 में अपने फैसले में कहा था कि स्कूल के अल्पसंख्यक दर्जे के सवाल पर विचार ही नहीं किया गया। खण्डपीठ ने विभिन्न फैसलों को उद्धृत करते हुए कहा कि यह अविवादित तथ्य है कि जैन धर्म हिन्दू धर्म का हिस्सा नहीं है। 24 अगस्त 2006 दैनिक 'हिन्दुस्तान' नई दिल्ली से साभार
SR No.538059
Book TitleAnekant 2006 Book 59 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2006
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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