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अनेकान्त/55/2
त्रिवेदी, डॉ. देव सहाय त्रिवेद, डॉ. सावित्री सक्सेना आदि विद्वानों ने भी विदेह को उक्त सीमा को ही मान्य किया है।
यहाँ यह ध्यातव्य है वर्तमान बिहार केवल प्राचीन विदेह का पर्याय नहीं है, बल्कि अंग, मगध और विदेह, तीनों का संयुक्त रूप है। इनमें मगध और विदेह की विभाजक नदी गंगा नदी, अंग और मगध की विभाजक चम्पा नदी तथा अंग और विदेह की विभाजक कोशी नदी थी और इनकी भौगोलिक स्थिति प्राय: आज भी वैसी ही है। इसलिए इस भ्रांति से बचने की जरूरत है कि प्राचीन विदेह ही आज का बिहार राज्य है।
उपर्युक्त शास्त्रीय उद्धरणों, विद्वानों के विमर्श एवं मन्तव्यों, अंग, मगध और विदेह देशों (जनपदों) के सीमा सम्बन्धी विवरणों से स्पष्ट है कि भगवान महावीर का जन्म विदेह देश के कुण्डपुर (कुण्डलपुर या कुण्डग्राम) में हुआ था, जो इस समय वासुकुण्ड या वासोकुण्ड नाम से प्रसिद्ध है तथा मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखण्ड में है। यहाँ से प्राचीन वैशाली (बसाढ़) लगभग पाँच किलोमीटर की दूरी पर है। लिछुआड़ का समीपवर्ती क्षत्रियकुण्ड, जो मुंगेर जिले में है, तथा कुण्डलपुर (नालन्दा) भगवान महावीर का जन्मस्थान नहीं हैं, क्योंकि ये क्रमश: अंग और मगध देश में मौजूद हैं। समाज तो श्रद्धालु होता है, इसलिए विद्वानों, साधु संस्थाओं, समाज के नेतृत्त्व वर्ग से यह अपेक्षित है कि वह उसे भ्रम में न डालें। यदि पहले से समाज में कोई गलत धारणा बनी हुई है तो उसके विषय में उसे सावधान करें। मेरे इस लेख का उद्देश्य किसी की श्रद्धा को प्रभावित करना नहीं है, बल्कि समाज को यथार्थ की जानकारी देना है। अनेकान्तवादी जैन-दर्शन में आग्रह के लिए स्थान नहीं है।
-प्राध्यापक, प्राकृत और जैनशास्त्र, प्राकृत, जैन शास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान
वैशाली (बिहार) - 844128.