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________________ भगवान् महावीर का जन्म-स्थान गत अंक में आर्यिका चन्दनामती जी का एक लेख भगवान महावीर की जन्मभूमि के सन्दर्भ में प्रकाशित किया था। उसी कड़ी में कुण्डलपुर के विषय में ही प्रस्तुत लेख विचारार्थ प्रस्तुत है सम्पादक -डॉ. ऋषभचन्द्र जैन "फौजदार" भगवान् महावीर के 2600 वें जन्म कल्याणक महोत्सव वर्ष के प्रसंग में पूरा राष्ट्र एवं जैन समाज, सामूहिक तथा एकल रूप में अनेक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। ऐसे समय में भगवान महावीर के जन्म स्थान के सम्बन्ध में भ्रम पैदा करना जैन समाज के लिए शुभ लक्षण नहीं है। इसी वर्ष मई-2001 के 'सम्यग्ज्ञान', अप्रैल-जून-2001 के 'अर्हत् वचन' और दिसम्बर-2001 के “जैन महिलादर्श' में “भगवान महावीर की जन्मभूमि कुण्डलपुर" शीर्षक लेख प्रकाशित हुआ है, जो प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चन्दनामती माता जी द्वारा लिखित है। पुनः फरवरी-2002 के 'सम्यज्ञान' के उक्त माता जी का ही “बजी कुण्डलपुर में बधाई, वैशाली कहाँ से आई" शीर्षक लेख भी छपा है। उक्त लेखों में पूज्य माता जी ने मगधदेश के “कुण्डलपुर" को विदेह का सिद्ध करने का प्रयत्न किया है, जो उचित नहीं है। इसी प्रसंग में मेरा यह विनम्र प्रयास है। यहाँ भगवान् महावीर के जन्म स्थान से सम्बद्ध शास्त्रीय उद्धरण मूलरूप में हिन्दी अनुवाद के साथ प्रस्तुत किये जा रहे हैं। 1. सिद्धार्थनृपतितनयो भारतवास्ये विदेहकुण्डपुरे। देव्या प्रियाकारिण्यां सुस्वप्नान् संप्रदर्श्य विभुः।। -आचार्य पूज्यपाद (5 वीं शती ई.) निर्वाणभक्ति, पद्य-4. "भगवान् महावीर का जीव भारतवर्ष में विदेह (देश) के कुण्डपुर नगर में उत्तम स्वप्नों को दिखाकर प्रियकारिणी देवी और सिद्धार्थ राजा का पुत्र हुआ।"
SR No.538055
Book TitleAnekant 2002 Book 55 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2002
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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