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________________ अनेकान्त-55/4 रूप-द्रव्य-क्षेत्र-काल एवं भाव की अपेक्षा से किया जाता है, अत: विरोध का अवकाश कहाँ है? 'स्यात्' का अर्थ, जैसा कि पहले कहा जा चुका है, न 'शायद' है, न 'संभवतः है, और न 'कदाचित् है। स्याद्वाद के संदर्भ में यह 'कथंचित् या 'किसी अपेक्षा' का वाचक है। इसलिये 'स्याद्वाद' को संशयवाद कहना भ्रामक है। जहाँ संशय होता है, वहाँ परस्पर विरोधी अनेक धर्मो का युगपत् शंकात्मक ज्ञान होता है, क्योंकि संशय साधक और बाधक प्रमाण का अभाव होने से अनिश्चित अनेक अंशों का स्पर्श करता है और अनिर्णयात्मक स्थिति में रहता है। स्याद्वाद में यह नहीं होता। यहाँ परस्पर विरुद्ध सापेक्ष, धर्मों का निश्चित ज्ञान होता है। वह अपेक्षाओं के बीच अस्थिर न रहकर निश्चित प्रणाली के अनुसार वस्तु का बोध करता है। स्याद्वाद में निश्चय है, अतः इसे अनिश्चयात्मक संशयवाद मानना सर्वथा अनुचित है। शंकराचार्य के द्वारा स्याद्वाद की आलोचना और भी अशोभनीय लगती है क्योंकि उन्होंने स्वयं भी परमार्थ तथा व्यवहार की अपेक्षा से नाम रूपात्मक जगत् के मिथ्यात्व और सत्यत्व का सिद्धान्त प्रतिपादित किया है तथा उनके अनिर्वचनीयतावाद पर स्याद्वाद के प्रमुख अंगों का प्रभाव परिलक्षित होता है। _ विद्वानों ने स्याद्वाद की तुलना भर्तृप्रपश्च, नागार्जुन, हीगेल, काण्ट, ब्रैडले, स्पेन्सर, हेरेक्लाइप्स, ह्वाइटहेड प्रभृति दार्शनिकों के विचारों से कही है। पर यह एक अन्य लेख का विषय है, अतः इसकी चर्चा यहाँ उचित नहीं है। वैज्ञानिक सापेक्षवाद के संदर्भ में स्याद्वाद का अध्ययन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। वैज्ञानिकों ने इस बात को स्वीकार किया है कि हम वस्तु के स्वरूप को एकान्तदृष्टि से नहीं, अपितु अनेकान्तदृष्टि से ही जान सकते हैं और विश्लेषण कर सकते हैं। विज्ञान की प्रयोगशाला में यह तथ्य सामने आया है कि वस्तु में अनेक धर्म और गुण भरे हुए हैं। प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइन्सटाईन आदि ने विश्व में व्याप्त सापेक्षता के सिद्धान्त की खोज द्वारा एक छोटे-से परमाणु तक में अनंत शक्ति और गुणों का होना सिद्ध कर दिया है।24 प्रोफेसर पी. सी. महाजनबीस ने स्याद्वाद की सप्तभंगी को सांख्यिकी (Statistics) सिद्धान्त के
SR No.538055
Book TitleAnekant 2002 Book 55 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2002
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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