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________________ 48 आहड़ के जैन का अप्रकाशित शिलालेख - श्री रामबल्लभ सोमाड़ी 25/3 आदिजिन शिव एवं शैव परम्परा - श्री मुनीशचंद्र जोशी 1/2 आगमों के प्रति विसंगतियां - श्री पद्मचंद्र शास्त्री 48 / 1,2,3,4 आचार्य कुन्दकुन्द की प्राकृत - पं. पद्मचंद्र शास्त्री 33/2 आदिपुराण में लोक संस्कृति -श्री राजमल जैन 53/3 ओ ओसियां का प्राचीन महावीर मंदिर 27/1 - श्री गिरोशचंद्र त्रिपाठी 10/265 इ इटावा जिले का संक्षिप्त इतिहास - श्री गिरोशचंद्र त्रिपाठी 10/265 इतिहास - पं. नाथूराम प्रेमी 1/469 इतिहास क परिप्रेक्ष्य में पावागिरि - डा. भागचन्द्र भागेन्दु 23/1 उ उच्चकुल और उच्चजाति महात्मा बुद्ध के - बी. एल. जैन 3/77 उज्जैन के निकट प्राचीन दि. जैन मूर्तियाँ - बा. छोटेलाल जैन 12/327 उत्तर कन्नड का मेरा प्रवास - पं. के. भुजबली जैन शास्त्री 12/76 उपनिषदों पर श्रमण संस्कृति का प्रभाव - मुनि श्री नथमल 19/262 उस विश्वबन्द्य विभूति का धुंधला चित्रण - देवेन्द्र जैन 3/77 उत्तर पांचाल की राजधानी अहिच्छत्र उद्गार - श्री परमानन्द शास्त्री 24/6 उत्तर भारत में जैनदक्षिण चक्रेश्वरी की मूर्तिगत अवधारणा - श्री मारूति नन्दन तिवारी 25/1 अनेकान्त/55/3 उत्तरभारत में जैन पद्मावती का प्रतिमा निरूपण - श्री मारुति नन्दन तिवारी 27/12 उड़ीसा में जैनधर्म एवं कला - श्री मारुतिसन्दन तिवारी 28 / 1 उज्जयिनी की दो अप्रकाशित महावीर प्रतिमायें - डा. सुरेन्द्रकुमार आर्य 29/4 उड़ीसा प्राचीन गुफाओं में दर्शित जैनधर्म एवं भारत - हरेन्द्र प्रसाद सिन्हा 39/2 उत्थू (च्छ) णक के ऋषभ जिनालय के निर्माता श्री भूषण साहू -कुन्दनलाल जैन 47/2 उपनिषदों में दिगम्बरत्व के उल्लेख -डा. जयकुमार जैन 52/1 ऊ ऊन पावगिरि के निर्माता राजा वल्लाल - पं. नेमिचन्द्र धन्नूसा जैन 22/27 ऊर्जयन्तगिरि के प्राचीन पूज्य स्थान - जुगलकिशोर मु. 14/219 ऊन के देवालय - श्री नरेश कुमार पाठक 46/2 ऋ ऋषभदेव और महादेव -हीरालाल सि. शा. 14/112 ऋषभदेव और शिवजी - बा. कामताप्रसाद जैन 12/185 ऋषभदेव : सिन्धु सभ्यता के आराध्य - श्री ज्ञानस्वरूप गुप्ता 33/1 ए एक ऐतिहासिक अन्तः साम्प्रदायिक निर्णय -लाला ज्योतिप्रसाद जैन 8/169 एक खोजपूर्ण विचारणा - श्री अगरचन्द नाहटा 16/76 एक जैन सम्राट् चन्द्रगुप्त - पं. ईश्वर लाल जैन 4/100 एक प्रतीकांकित द्वार - पं. गोपीलाल अमर एम. ए. 22/60
SR No.538055
Book TitleAnekant 2002 Book 55 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2002
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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