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________________ अनेकान्त/54-2 से होता है, वह प्रशस्त है और जो ध्यान अशुभ परिणामों से होता है, वह अप्रशस्त है। इस प्रकार मुख्य रूप से ध्यान के दो भेद हुए-अप्रशस्त ध्यान और प्रशस्त ध्यान। इन दोनों के भी दो-दो भेद होते हैं अप्रशस्त ध्यान के आर्त्तध्यान और रौद्रध्यान ये दो भेद हैं और प्रशस्त ध्यान के धर्म्य एवं शुक्ल। इनमें अप्रशस्त सम्बन्धी आर्त और रौद्र ध्यान संसारवृद्धि के कारण होते हैं। प्रशस्त सम्बन्धी धर्म्य और शुक्ल ध्यान मोक्ष के कारण है। वैदिक परम्परा में अप्रशस्त ध्यान को क्लिष्ट और प्रशस्त ध्यान को अक्लिष्ट कहा गया है।'' बौद्धाचार्य ने अप्रशस्त ध्यान को अकुशल और प्रशस्त ध्यान को कुशल शब्द से व्यवहृत किया है। आचार्य शुभचन्द्र ने अशुभ, शुभ और शुद्ध इन तीन भेदों का कथन किया है जो आर्त, रौद्र, धर्म्य और शुक्ल इन चार ध्यानों में समाविष्ट हो जाते हैं। ___ अशुभ और शुभ दोनों प्रकार के ध्यानों के चार अधिकार होते हैं-1. ध्याता 2. ध्येय 3. ध्यान 4. ध्यान का फल। इन अधिकारों की विशेषताओं के कारण ही अशुभ या शुभ संज्ञा दी जाती है। जब ध्याता पंचेन्द्रिय के विषय भोगों को भोगने वाला होगा। प्रकृति से क्रूर और बाह्य विषयों में आसक्ति रखने वाला होगा तब उसका ध्येय संसार को बढ़ाने वाला कोई पदार्थ विशेष ही होगा, उस पदार्थ विशेष की प्राप्ति या वियोग विषयक चिन्तन में जो उसकी एकाग्रता होगी, उसका परिणाम अशुभ अर्थात् नरक, निगोद और तिर्यन्च गतियों में पहुंचाने वाला होगा और जब ध्याता कषाय और इन्द्रियों की प्रवृत्ति को रोकने के लिए, मन को नियंत्रित करने के लिए, मोक्षमार्ग से च्युत न होने के लिए शुभ पदार्थो के चिन्तन का अवलम्बन लेता है तब उसका परिणाम शुभ होता है, जिससे संवर निर्जरा होती है और स्वर्ग-मोक्ष का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। आदिपुराणकार प्रथमतः अप्रशस्त ध्यानों का वर्णन करते हैं, क्योंकि इन खोटे ध्यानों को छोडे बिना सुख नहीं मिल सकता। अत: दु:ख जन्य ध्यानों को जानना अत्यावश्यक है। वे आर्त और रौद्र रूप हैं। आर्त्तध्यान-ऋते: भावम् आर्त्तम् अर्थात् दु:ख का भाव आर्त्तभाव है। आर्त्त शब्द "ऋत' या अर्ति से बना है। ऋत का अर्थ दु:ख और अर्ति
SR No.538054
Book TitleAnekant 2001 Book 54 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaikumar Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year2001
Total Pages271
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
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