SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 73
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनेकान्त/30 है। 'जिनेन्द्र माहात्म्य' यह विशालकाय 84000 श्लोक प्रमाण संस्कृत रचना है। (3) भट्टारक जसकीर्ति :- इनका रचित 'जग सुन्दर वैद्यक' ग्रन्थ है। (4) भट्टारक सकलकीर्ति :- आपने बहुत से ग्रन्थों का प्रणयन किया था। आपकी उपलब्ध रचनाओं के अतिरिक्त एक व्याकरण विषयक रचना रूपमाला व्याकरण लघु' का उल्लेख प्राप्त हुआ है। (5) भट्टारक शुभचन्द्र :- आपके दो ग्रन्थ हैं। एक न्याय विषयक 'अपशब्द खण्डन' एवं दूसरा व्याकरण विषयक 'चिन्तामणि व्याकरण लघु' ज्ञातव्य है।। (6) भट्टारक प्रभाचंद :- आपकी रचना देवागम पंजिका है जो देवागम स्तोत्र पर संस्कृत टीका है। इस लघु लेख में 15 आचार्यों की 28 रचनाओं का और 6 भट्टारकों की 7 रचनाओं का जिक्र किया है। कुल 35 कृतियों में से 12 कृतियाँ न्याय विषयक हैं जो न जाने हमारे प्रमाद के कारण किस शास्त्र भण्डार में चूहों और दीमकों के कारण नष्ट हो गई हों अथवा समाप्ति के कगार पर हों। जैन न्याय के वयोवृद्ध, ख्याति प्राप्त विद्वान, न्यायाचार्य डॉ. दरबारीलाल जी कोठिया, बीना ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि ये सभी रचनायें अज्ञात, विलुप्त एवं दृष्टि ओझल है। इनकी खोज विद्वतवर्ग अवश्य करेगा। इस लेख के प्रेरक प्रेरणा स्रोत आप ही हैं। न मैं विद्वान ही हूँ और न लेखक। फिर भी अपने भावों को लिपिबद्ध करने का जो प्रयास किया है, इसका एकमात्र कारण यह है कि जैन वाड्मय की सुरक्षा, संवर्धन और संरक्षण की भावना रगरग में समाहित है। मेरा इसमें स्वयं का कुछ नहीं है। इसको तैयार करने में मैंने जिन आचार्यों की कृतियों का सहारा लिया है उनके प्रति नतमस्तक हूं। साथ ही अपने गुरूवर परम पूज्य श्री 108 सरलसागर जी के आशीर्वाद स्वरूप इस दिशा में कदम बढाया है उनके लिये भी नमोऽस्तु । कृतज्ञ हूं वयोवृद्ध न्यायाचार्य डॉ. कोठिया जी का जिनकी प्रेरणा इस लेख में रही। इस लेख को पढकर विद्वान मनीपी-गण हमारे विलुप्त, अन्वेषणीय जैन वाड्मय की खोज करने के लिये दो पग भी बढ़ा सकें तो मैं इस श्रम को सार्थक समझूगा। द्वारा : अनेकान्त ज्ञान मंदिर छोटी बजरिया, बीना-470113 जिला सागर (म.प्र.)
SR No.538050
Book TitleAnekant 1997 Book 50 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1997
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy