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वीर सेवा मन्दिर का त्रैमासिक
अनेकान्त
(पत्र-प्रवर्तक : आचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर')
| वर्ष-49 किरण-3.4
जुलाई-दिसम्बर 967
1. सम्बोधन | 2. द्रव्यदृष्टि स्थायी पर्यायदृष्टिक्षणिक 3. चाणक्य और जैन परम्परा
(गोकुल प्रसाद जैन) 14. श्रमण संस्कृति : सर्वोदय दर्शन और पर्यावरण
(डॉ भागचन्द्र जैन) 15. कल्याण कल्पतरु स्तोत्र में छंदोवैदष्य
(प्रकाश चन्द्र जैन, प्राचार्य) पर्यावरण संरक्षण में तीर्थकर पार्श्वनाथ की दृष्टि (प्राचार्य निहालचन्द जैन) ग्रन्थान्तरों में नियमसार की गाथाएँ
(डॉ ऋषभचन्द्र जैन) 8. णमोकार मंत्र का (शब्दशास्त्रीय) मान्त्रिक विवेचन
(श्री अरूण कुमार शास्त्री)
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वीर सेवा मंदिर, 21 दरियागंज नई दिल्ली-110002