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________________ वीर सेवा मन्दिर का त्रैमासिक अनेकान्त ( पत्र - प्रवर्तक : आचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर') वर्ष - 49 किरण - 2 अप्रैल-जून 96 1. गुरु स्तुति 2. संस्थाओं के साथ संबंध : 3. पालघाट जिले में जैन धर्म 4. 5. 6. परस्परोपग्रहो जीवानाम् 9. 10. ( राजमल जैन ) कुन्दकुन्द कृत नियमसार में नियम की अवधारणा ( डॉ ऋषभचन्द्र फौजदार') 11. परवार जैन समाज का इतिहास : कुछ शोधकण ( डॉ. कस्तूरचन्द 'सुमन') 7. आध्यात्मिक चिन्तन 8. स्पन ( न्यायमूर्ति श्री एम. एल. जैन) नवकारमंत्र सवैया (विनोदीलाल कृत) (डॉ. गंगाराम गर्ग) नैतिक शिक्षा क्यों? आवरण-2 : अर्धमागधी ही प्राचीन (डॉ. सत्यरंजन बनर्जी) आवरण-3 : प्रसंग जो युगों तक कचोटते रहेंगे। वीर सेवा मंदिर, 21 दरियागंज नई दिल्ली-110002
SR No.538049
Book TitleAnekant 1996 Book 49 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1996
Total Pages118
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size5 MB
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