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वीर सेवा मन्दिर का त्रैमासिक
अनेकान्त
(पत्र-प्रवर्तक : आचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर')
वर्ष-49 किरण-1
जनवरी-मार्च 96
1. ऐसा मोही क्यो न अधोगति जावै? 2. समयसार की कुछ गाथाएँ 3. दिगम्बर आगमतुल्य ग्रन्थों की भाषा
(डॉ नन्दलाल जैन, रीवा) 4. चंद्रगुप्त मौर्य का श्रवणबेलगोल मार्ग
(राजमल जैन) 5. केन्द्रीय संग्रहालय गूजरी महल ग्वालियर में
संरक्षित जैन यक्ष-यक्षी प्रतिमाएँ
(नरेशकुमार पाठक) . 6. प्राकृत वैद्यक : हरिवाल कृत 7. सम्यग्ज्ञान में चार अनुयोगों की उपयोगिता
(डॉ जयकुमार जैन) A 8. निर्विकल्प अनुभूति कैसे हो?
(डॉ राजेन्द्रकुमार बसल) - - -- - - - -- - - - -- - -
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वीर सेवा मंदिर, 21 दरियागंज नई दिल्ली-110002