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________________ (7) योग अनेकान्त/8 12 श्रवन्धर्मविधि (धर्मश्रवण)। 13. दयालु 14 अधर्म भी (पापभीरू)। (1) न्यायोपात्तधन : श्रावक को न्यायपूर्वक धन कमाना चाहिए। जो अन्याय पूर्वक धन कमाता है उसे श्रावक नही कहा जा सकता है। (2) गुणगुरुन भजन : श्रावक मे दूसरा गुण यह होना चाहिए की वह गुणो की, गुरुजनो और जो गुणवान है उनकी पूजा करे, उनका सम्मान करे और उनके प्रति यथोचित विनम्र हो। सद्गी : श्रावक में हित-मित वचन वोलने का गुण होना चाहिए। (4) निर्बाध त्रिवर्ग-सेवन : धर्म, अर्थ और काम इन तीन वर्गो के योग्य स्त्री, ग्राम और मकान वाला श्रावक को होना चाहिए। (6) हीमय (लज्जाशील) : श्रावक मे समुचित लज्जा होना चाहिए। योग्य आहार-विहार : श्रावक मे सात्विक भोजन करने और उचित स्थानो म आवागमन करने का गुण होना चाहिए। (8) आर्यसमिति : श्रावक मे सज्जनो की सगति का गुण होना चाहिए। (9) प्राज्ञ : श्रावक को विवेकवान होना चाहिए। (10) कृतज्ञ : कृतज्ञता गुण होना चाहिए। किसी के उपकार आदि को नहीं भूलना चाहिए। वशी : श्रावक को जितेन्द्रिय होना चाहिए। (12) धर्म श्रमण : श्रावक मे धर्म सुनने की इच्छा होना चाहिए। (13) दयालु : दीन दुखियो के प्रति दया का गुण होना चाहिए। (14) पापकार्यों से डरने का गुण होना चाहिए। (ल) श्रावक की परिभाषा एवं विश्लेषण :___1. आचार्य कुन्दकुन्द : आचार्य कुन्दकुन्द के ग्रन्थो मे 'चारित्र प्राभ्व (26) मे पाच अणुव्रत तीन गुणव्रत और चार शिक्षा व्रत रुप सयम का आचरण करने वाले व्यक्ति को सागार कहा गया है। 2. स्वामी कार्तिकेय : स्वामी कार्तिकेय ने 'कार्तिकेयानु प्रेक्षा' मे सर्वज्ञ द्वारा कहे गये धर्म के दो भेदो का उल्लेख किया है किन्तु इसमे श्रावक की परिभाषा उपलब्ध नहीं है। 3. स्वामी समन्तभद्र : इनके रत्नकरण्ड श्रावकाचार28 मे भी श्रावक की कोई परिभाषा नहीं दी गई है, किन्तु सकल और विकल की अपेक्षा चरित्र के दो भेद वतलाकर आचार्य कुन्दकुन्द की तरह पांच अणुव्रत तीन गुणव्रत और चार प्रकार के शिक्षाव्रत रुप विकल चरित्र गृहस्थों के होने का उल्लेख किया है। इससे सिद्ध होता है किजो वारह प्रकार के विकल चरित को धारण करता है, वह श्रावक कहलाता (11) है।
SR No.538048
Book TitleAnekant 1995 Book 48 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1995
Total Pages125
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size5 MB
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