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वीर सेवा मन्दिर का त्रैमासिक
अनेकान्त (पत्र-प्रवर्तक : आचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर')
| वर्ष ४८ किरण -१
जनवरी-मार्च, १९९५
क्रमांक शीर्षक
पृष्ठ संख्या १. मन को सीख २. वैयाकरण और अरहंताणं पद
-हेमचन्द्र ३. आगमों के प्रति विसंगतियाँ
-पप्रचन्द शास्त्री ४. दिगम्बर श्वेताम्बर भेद कैसे हुआ ?
-सुभाष जैन ५. गोल्ला देश
-रामजीत जैन एडवोकेट ६. रानी रूपमती पुरातत्व संग्रहालय सारंगपुर की जैन प्रातिमाएं २४
-नरेशकुमार पाठक ७. अनादि मोह ग्रन्थि के क्षय का उपाय
-डॉ. राजेन्द्रकुमार बंसल
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वीर सेवा मंदिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-११०००२.