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________________ वीर सेवा मन्दिरका प्रेमासिक by अनेकान्त बर्ष ४७:कि०२ (पत्र-प्रवर्तक : प्राचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर') अप्रैल-जून १९९४ इस अंक मेंकम विषय १. सम्बोधन २. बेबाक खुलासा -सुभाष जैन, सयोजक-श्रमण सस्कृति रक्षा समिति २ ३. उत्यू(च्छणक के ऋषभ जिनालय के निर्माता श्री भूषण साहु-श्री कुन्दनलाल जैन रि. प्रिन्सिपल ६ ४. आधुनिक सन्दर्भ मे आचरण को शुद्धता -आचार्य राज कुमार जैन, ५. जिज्ञासा (माधान -जवाहर लाल जैन भीण्डर ६. दिगम्बरत्व और दिगम्बर मुनि -श्री पद्मचन्द्र शास्त्री, नई दिल्ली ७. जैन सस्कृति-साहित्य की रक्षा :एक चिंतन -डा. राजेन्द्र कुमार बंसल ८. सेसई का शान्तिनाथ मन्दिर -श्री नरेश कुमार पाठक ६. सत्य को पहचानिए १०. जरा सोचिए-सपादक ११. छपते-छपते आ.२ १२. श्रीलंका में जैन म और अशोक प्रकाशक: बीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२
SR No.538047
Book TitleAnekant 1994 Book 47 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1994
Total Pages120
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size6 MB
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