SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 3
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ वीर सेवा मन्दिर का त्रैमासिक अनकान्त (पत्र-प्रवर्तक : प्राचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर') वर्ष ४२: कि० १ जनवरी-मार्च १९EE इस अंक में १ क्रम विषय १. अन्तः प्रकृति बनाम विश्व-प्रकृति-डा. सविता जैन २. कनकनन्दि नाम के गुरु -स्व. डॉ. ज्योतिप्रसाद जैन ३. श्री कुन्दकुन्द का असली नाम क्या था? -श्री रतन लाल कटारिया ४. नथमल बिलाला का भक्ति काव्य -डॉ. गगा राम गर्ग ५. महाराष्ट्र में जैन धर्म-डा० भागचन्द्र भास्कर ६. गिरिनार को चन्द्र गुफा मे...." -डॉ० लक्ष्मीचन्द्र जैन ७. सोनागिर मन्दिर अभिलेख......... -डॉ. कस्तूरचन्द 'सुमन' ८. सुख का उपाय-पं० मुन्नालाल प्रभाकर ६. श्री कुन्दकुन्द का विदेह गमन १०. सल्लेखना अथवा समाधिमरण -डॉ० दरबारी लाल कोठिया ११. आवश्यक और दिगम्बर मुनि -श्री पद्मचन्द्र शास्त्री, दिल्ली १२. जरा सोचिए : -सम्पादक प्रकाशक: वीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२
SR No.538042
Book TitleAnekant 1989 Book 42 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1989
Total Pages145
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy