SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 109
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३५ : कि० ४ वोर सेवा मन्दिर का त्रैमासिक अनेकान्त (पत्र-प्रवर्तक आचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगबोर') क्रम : इस अक मेंविषय १. जिनवाणी महिमा २. राजस्थान के इतिहास में जैनों का योगदान -डा० ज्योतिप्रसाद जैन ३. ब्रह्म जिनदास की तीन अन्य रचनाएं -श्री अगरचन्द्र नाहटा ४. अभ्रश काव्यों में सामाजिक चित्रण -- डा० राजाराम जैन -प्रो० प्रदीप शालिग्राम मेश्राम To १ १०. क्रान्तिकारी शीतल---श्री ऋषभचरण जैन ११. विश्व शान्ति मे भ० महावीर के सिद्धान्तों की उपादेयता कु० पुखराज जैन २ ५. जिला संग्रहालय खरगोन मे संरक्षित जैन प्रतिमाएं श्री नरेशकुमार पाठक ११ ६. मामल की जैन मूर्तिया ६ "3 ७. परिणामि नित्य - युवाचार्य महाप्रज्ञ ८. अज्ञानता -- श्री बाबूलाल जैन ( वक्ता ) ६. जैन साहित्य मे कुरुवश, कुरु-जनपद एवं हस्तिनापुर --डा० रमेणचन्द्र जैन ८ अक्तूबर-दिसम्बर १९८२ १३ १५ १६ २१ २७ २८ १२. जरा सोचिए -सम्पादक २६ १३. अनेकान्त के जन्मदाता की स्मृति में टाइटिल २ १४. अविश्वसनीय किन्तु सत्य प्रकाशक वीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२
SR No.538035
Book TitleAnekant 1982 Book 35 Ank 01 to 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmachandra Shastri
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1982
Total Pages145
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy