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________________ २५८, वर्ष २८, कि०१ अनेकान्त 'अमर भारती' के प्रस्तुत विशेषाक मे भगवान् महा- शक- सस्ता-साहित्य मण्डल प्रकाशन, कनाट सर्कस, नई. वीर के जीवन, सिद्धान्त तथा उपदेशों से सम्बद्ध, अनेक दिल्ली। विद्वानो के लेख, कविताये, कहानियां तथा एकांकी सक- प्रस्तुत विशेषाक मे भगवान महावीर से सम्बद्ध अनेक लित है। इसे चार खंडो में विभाजित किया गया है- लेखों मे उपयोगी सामग्री दी गई है। महात्मा गाँधी प्रादि १. जीवन-रेखा, २. सिद्धान्त, ३. उपदेश तथा ४. वीराय- अनेक सन्तो, विविध राजनेताओ, साहित्यकारो तथा तन । 'वीरायतन' खण्ड मे सन्मति ज्ञानपीठ द्वारा विद्वानो ने अपने विद्वत्तापूर्ण लेखो में भगवान महावीर के संचालित सस्था वीरायतन के उद्दयों एव गतिविधियो चरणो मे श्रद्धाजलि अर्पित की है। विशेषाक सून्दर तथा की चर्चा है। पठनीय है। ___ मद्रण तथा साज-सज्जा की दृष्टि से विशेषाक सुन्दर जैन-सन्देश- शोधाक (३४), सम्पादक-डा. ज्योतिहै। सामग्री पर्याप्त परिश्रम से तैयार की गई है । विशे- प्रसाद जैन, (फरवरी, ७५) । प्रकाशक-श्री भा० दि० षाक पठनीय तथा सग्रणीय है। जैन सघ, चौरासी, मथुरा। पृष्ठ सं०-४२, मूल्य-एक जैन जगत--भगवान् महावीर-बन्दना-विशेषाक रुपया । (दिसम्बर-जनवरी-७५) विगत गौरवपूर्ण परम्परा के समान, जैन सदेश के सम्पादक-श्री ऋषभदास राका प्रस्तुत शोधाक मे अनेक शोधपूर्ण लेख प्रकाशित किए गए प्रकाशक-भारत जैन महामण्डल, १५-ए, हानिमन है। सर्कल, फोर्ट, बम्बई ४००००१ 'महावीर-निर्वाण-काल' तथा जैन संस्कृति के प्रतीक पृष्ठ सं०-१८२ मूल्य-दो रुपए। मौर्यकालीन अभिलेख विशेषत. पठनीय है। शोधार्थी प्रस्तुत विशेषाक में २५०० वें महाबीर-निर्वाण-महो- विद्यार्थियो के लिए यह अक बहुत उपयोगी है। त्सव कार्यक्रम के शुभावसर पर प्राप्त. प्राचार्यों एवं मुनियो प्राप्ति-स्वीकृति के प्राशीर्वचन के अतिरिक्त विभिन्न प्रदेशो मे गठित १. सन्मति-वाणी-महावीर जयन्ती-ग्रंक । सम्पादक निर्वाणोत्सव-समितियों के कार्य कलाप का विवरण दिया -श्री नाथूलाल शास्त्री मादि । प्रकाशक-श्री दि० गया है। अप्रैल, ७५ के अक मे भगवान् महावीर के जैन मालवा प्रान्तिक सभा एवं मध्यप्रदेशीय दि० जैन जीवन एवं शिक्षाग्रो के सम्बद्ध विविध लेखो का संकलन तीर्थ-रक्षा समिति, शीशमहल, सर हुकमचन्द मागे, इदौर-२ है। दोनों अक पठनीय है। २. जैन मिलन-महावीर जयन्ती अक । प्रधान श्रमणोपासक-महावीर-जयन्ती-विशेषांक (अप्रैल-७५) सम्पादक-डा० भागचन्द जैन, प्रकाशक-जैन मिलन, सम्पादक-सर्वश्री जगराज सेठिया, डा. मनोहर शर्मा गांधी चौक मटर नागपर-१। एवं डा. शान्ता भानावत । ३. महावीर • स्मारिका-प्रधान सम्पादक-६० प्रकाशक-अ. भा. साधु-मार्गी जैन मंघ, समता परमानन्द शास्त्री । प्रकाशक-पाल इण्डिया दिगम्बरभवन, रामपुरिया, बीकानेर । पृष्ठ सं०-१२४ । एक भगवान महा वीर २५००वाँ निर्वाण-महोत्सव-सोसाइटी, प्रति का मूल्य-५० पैसे। लक्ष्मी नगर-शकरपुर-उपक्षेत्रीय समिति, दिल्ली। प्रस्तुत अक मे ख्याति-प्राप्त विद्वानों के, भगवान् महा ४. सन्मति-- श्री महावीर-जयन्ती विशेषांक, भाषावीर-सम्बन्धी निबन्ध, कथायें, एकाकी तथा कविताये सक- मराठी (मार्च अप्रैल, ७५) । सम्पादक-श्री भा० ज. लित है । अनेक लेख विद्वत्तापूर्ण तथा पठनीय है। भीसीकर इत्यादि । प्रकाशक-श्री वाहुबलि ब्रह्मचर्याश्रम, जीवन-साहित्य-तीर्थकर महावीर - विशेषांक । सन्मति कार्यालय, बाहबलि (कम्भोज) कोल्हापुर । (मार्च-अप्रैल, ७५), संपादक-श्री यशपाल जैन । प्रका- ५. श्रमणोपासक-मई, ७५ अंक ।
SR No.538028
Book TitleAnekant 1975 Book 28 Ank Visheshank
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGokulprasad Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1975
Total Pages268
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size15 MB
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