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________________ विषय-पूची अनेकान्त को सहायता विषय पृष्ठ २१) रा० ब० मेठ हरवचन्द जी पाण्ड्या रांची के १ नमि-जिन-स्तुति-ममन्तभद्राचार्य मुपुत्र पदमकुकार और श्री रेखाकुमारी मुपुत्री प्रकाशचन्द २ भारत मे वर्णनात्मक कथा माहित्य जी मेठी के विवाहोपनक्ष में निकाले हए दान मे से अनेकान्त डा. ए. एन. उपाध्ये को उक्कीम म्पया सधन्यवाद प्राप्त हुए। ३ देवगढ की जैनकला का मास्कृतिक अध्ययन २०) वा० ज्ञानचन्द जी लम्बनऊ किराना कम्पनी गोपीलाल अमर मुभाष माग लखनऊ की सुपत्री ऊपा जैन, और भतीजी ४ गुणकीतिकृत विवेक विलास म जुल जन तथा मौभाग्यमल जी के विवाहोपलक्ष में डा० विद्याधर जोहगपुरकर निकाले गये दान में बीस रुपया अनेकान्त की सधन्यवाद ५ तिजारा एक ऐतिहासिक परिचय प्राप्त हए। परमानन्द जैन शास्त्री ५) प० गोपालाल जी 'अमर' ५८ लक्ष्मीपुरा सागर ६ माली रासो-परमानन्द जैन से मधन्यवाद प्राप्त हुए। ७ जनों में सतो प्रथा-चम्पालाल सिंघई व्यवस्थापक 'अनेकान्त' ८ कथनी और करनी-मुनि कन्हैयालाल वीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज ६ गोम्मटसार की पजिका टीका-परमानन्द शास्त्री ७२ दिल्ली। १० अात्म समर्पण (कहानी)-बालचन्द एम. ए. ७६ ११ शृगाल से सिद्ध (कहानी)--सुबोधकुमार जैन ७६ १२ हिन्दी भाषा के कुछ अप्रकाशित ग्रन्थ बिलम्ब का कारण पन्नालाल अग्रवाल अनेकान्न का यह यक बहुत विलम्ब से प्रकाशित हो १३ वीर-शासन जयन्ती-परमानन्द शास्त्री रहा है । अनेकान्न के कम्पोजिंग एजेसी के मालिक १४ ऊपर गाँव का अप्रकाशित जन लेख सत्यनारायण का कार्यवश अपने ग्राम चले गये, वे हेतु श्री रामवल्लभ सोमाणी १५ मध्य प्रदेश का जैन पुरातत्व-अगर चन्द नाहटा ८६ महीने के बाद विलम्ब से पाये। अत: पत्र के छपने में १६ वीर-शासन जयन्ती-प्रेमचन्द जैन असाधारण विलम्ब हो गया, इसके लिए पाठको से क्षमा १७ भगत प्यारेलाल जी का समाधिमरणपूर्वक चाहता है। प्राग इस बात की सावधानी रखी जायगी, जिसमे पत्र समय पर प्रकाशित हो सके। व्यवस्थापक स्वर्गवास-बा० नन्दलाल जी अनेकान्त १८ अखिल भा० जन जनगणना समिति का प्रावश्यक पत्र-गीतलप्रसाद जैन १६ जन जनगणना समिति की अपील सम्पादक-मण्डल भगतराम डा० प्रा० ने० उपाध्ये डा० प्रेमसागर जेन २० साहित्य-समीक्षा-परमानन्द शास्त्री श्री यशपाल जैन परमानन्द शास्त्री भनेकान्त मे प्रकाशित विचारो के लिए सम्पादक अनेकन्त का वार्षिक मूल्य ६) रुपया मण्डल उत्तरदायी नहीं है। -व्यवस्थापक भनेकान्त एक किरण का मूल्य १ रुपया २५ पेसा u
SR No.538023
Book TitleAnekant 1970 Book 23 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1970
Total Pages286
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size16 MB
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