________________
अखिल भारतीय जैन जनगणना समिति
मान्यवर,
भाग्न में जैनो की सम्या एक करोड़ से अधिक है, किन्तु पिछली जनगणना के अनुसार मात्र बीस लाख बनाई गई है, क्योकि धर्म के कालम मे हम में से अधिकाश ने जन न लिखाकर गोत्र या बिरादरी प्रादि लिखा दिया।
जनसम्या की गणना मही सही हो, इसके लिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने को जैन लिखाये ।
अागामी जनगणना फरवरी १६७१ मे होगी। पाप से अनुरोध है कि आप अपने नगर तथा पास पास को सम्पूर्ण जैन समाज के प्रत्येक व्यक्ति को यह अवगत करा दे कि जनगणना के अवसर पर धर्म (Religion) के दसर्व खाने (कालम) में अपने को मात्र जैन ही लिखाये ।।
___ इसके लिए उचित यह होगा कि एक स्थानीय जैन जनगणना ममिति बना ले, जिसके कार्यकर्ता अपने नगर तथा ग्राम पाम के क्षेत्र में इस बात को प्रचारित-प्रमारित करे तथा जनगणना के समय मुचना बनानेवाले अधि. कारियो के माथ जाकर सही सही गणना करा दे। जैन धर्म और जैन मस्कृति के लिए यह महत्वपूर्ण कार्य होगा :
भवदीयसेठ शीतल प्रसाद जैन, अध्यक्ष सकुमारचन्द जैन, मन्त्री म. भा० जन जनगणना समिति
भगवान महावीर जयन्ती समारोह के शुभावसर पर जैन समाज से अपील
भारत में भगवान महावीर का जन्म दिवस व्यापक प मे मनाया जाता है। इस अवसर पर हमारी जैन समाज के प्राचार्य महाराजो, मुनिगणो, न्यागी वर्ग तथा विद्वानो मे सविनय निवेदन है कि वे इस शुभ अवसर पर अपने
भ सन्देशो, विचारों द्वारा जैन समाज को यह मन्देश पहुँचाएं कि परकार द्वारा होने पाली जनगणना, जो फरवरी सन् १९७१ में होने जा रही है उसमे अपनी सम्प्रदाय, जानि गोत्र आदि न लिखा कर केवल जैन ही लिखाएँ। यह जानकारी गाँव-गाँव, स्त्री पुरुष एवं बच्चो तक पहुँचनी प्रावश्यक है। यह एक महान कार्य है। इसन सफलता प्राप्त करने हेतु जैन समाज के प्रत्येक शुभ चिन्तक को जुट कर कार्य करने की प्रार्थना है।।
महावीर जयन्ती पर होने वाले प्रायोजनो के कार्यकर्तायो एक सयोजको में भी यह निवेदन है कि इस अवसर पर अपने पोस्टरो, हैण्डबिलो, निमन्त्रण-पत्रो व सभाओं के माध्यम से जन-गणना में जन लिग्वाने का व्यापक प्रचार करें।
निवेदक भगतराम जैन
मन्त्री प्र. भा० जन जनगणना समिति