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________________ २३४, वर्ष २२ कि० ५ अनेकान्त परिषद के लखनऊ अधिवेशन का निरीक्षण - भारतीय जनता की स्थापना-श्री विजकुमार चौधरी कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर ६।३१४ १०।२८६ पंडित गुण-सपादक ५।३६२ भाषण श्रीमती रमारानी ६।३१२ पडित जी के दो पत्र-६।११७ पंडित बेचरदास जी का अनोखा पत्र-सपादक ६.३२१ मक्खनवाले का विज्ञापन ४।२३५ पाच सौ ६० के पाच पुरस्कार-जुगनकिशोर मुनार मजदुगे से राजनीतिज्ञ-बा. माईदयाल जैन ३००० ११०२१३ महात्मा गांधी के धर्म सम्बन्धी विचार-डा. भैयालाल पर्युषण पर्व और हमारा कर्तव्य --बा. माणिक चन्द ६।३० ४।११२ पापभार बहन की मर्यादा-सपादक ८,१८५ महात्मा गाँधी के निधन पर शोक प्रस्ताव-९८१ पीड़ितो का पथ-मुमंगलाप्रसाद शास्त्री ११३७८ महात्मा जी और जनस्व-प. दरबारीलाल ११३७६ पूज्य वर्णी जी का पत्र -पं. परमानन्द १०॥३४८ महावीर कल्याणकेन्द्र-चिमनलाल चिकुभाई शाह २१३१८३ पुज्य वर्णी गणेशप्रसाद जी के हृदयोद्गार महावीर जयती और डा० राधाकृष्णदास १६।३६ माता के आंसुओ की नदी ११६१० बच्चों की दर्दनाक दशा और प्राकृतिक चिकित्मा- मारवाड का एक विचित्र मत और दीक्षित जी का स्पष्टीप. श्रेयास कुमार जैन शास्त्री ८।१३५ करण-सपादक ११४३६ बगीय विद्वानों की जैन साहित्य में प्रगति मिथ्याधारणा-सपादक ११६०८ ___ अगरचन्द नाहटा ३।१४६ मुख्तार श्री जुगलकिशोर जी का ६०वां जन्म जयती उत्सव बलात्कार के समय क्या करें-महात्मा गाधी ५७५ -परमानन्द शास्त्री २०१३३३ बहनों के प्रति-चन्दगीराम विद्यार्थी ६।२४८ मुख्तार सा० की वसीयत और वीर सेवामन्दिर ट्रस्ट की बुद्धिवाद विषयक कुछ विचार-दौलतगम मित्र ५।२६८ योजना-परमानन्द जैन ५।२७ बेजोड विवाह-श्री ललिताकुमारी पाटनी ४।२१ मुजफ्फरनगर परिपद अधिवेशन-बा. माईदयाल जैन ब्रह्मचर्य (प्रवचन)-क्षु. गणेशप्रसाद वर्णी १०।२२० . बी. ए. ६।२०४ ब्रह्मचर्य ही जीवन है-चन्दगीराम विद्यार्थी ६:१४३ मुनि जिन विजय जी का पत्र ११३५१ ब्रह्म श्रुतसागर का समय और साहित्य-परमानन्द जैन मुरार मे वीरशासन जयती का महत्वपूर्ण उत्सव९।४७४ पं. दरवारीलाल कोठिया ६।२०५ मेरे मन का उद्गार-बाबा भगीरथ जी वर्णी १६७० भगवान महावीर की २५००वी निर्वाण जयती मेरे मनुष्य जन्मका फल-ला. जुगलकिशोर कागजी १.१६४ __ मुनि श्री नगराज १६।१४६ भगवान महावीर जैनधर्म और भारत-श्रीलोकपाल १०।२६ मै क्या हूँ ?-प. दरबारीलाल 'सत्यभक्त' १०४५ भारत की राजधानी में जयधवल महाधवल प्रथराजो का मैं आँख फोड़कर चलू या पाप बोतल न रक्खेंअपूर्व स्वागत - परमानन्द जैन १३३१५८ श्री कन्हैयालाल प्रभाकर १११४१८ भारत देश योगियों का देश है-बा. जयभगवान जैन मैं और वीरसेवामन्दिर-बा. जयभवान वकील श२३ एडवोकेट १२१६६, १२।६३ मौजमावाद के जैन समाज के ध्यान देने योग्यभारत मे देहात और उनके सुधार की भावश्यकता परमानन्द शास्त्री १३३२१४ बा. माईदयाल जैन बी. ए. ११५६७ मन्दिरों के उद्देश्य की हानि-पं. कमलकुमार जैन भारतीय जनता का विशाल विधान-विश्वम्भर सहाय प्रेमी १०१३०३ यदि यूरोप में ऐसा पत्र प्रकाशित होता-१२६५१
SR No.538022
Book TitleAnekant 1969 Book 22 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1969
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size17 MB
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