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________________ २० वर्ष २२ कि०५ भगवती माराधना की दूसरी प्राचीन टीका टिप्पनिया- महाकवि रइधू कृत सावय परिउ-हा. राजाराम जैन सम्पादक २१५७ १६४१०१ भगवतीदास नाम के चार विद्वान-पं. परमानंद शास्त्री महाकवि रइधू द्वारा उल्लिखित खेल्हा ब्रह्मचारी७१५४ प्रो. राजाराम जैन १५२१६ भट्टारक श्रुतकीर्ति और उनकी रचनाएँ-परमानंद शास्त्री महाकवि रत्न-पं. शांतिराज शास्त्री ०४ १३३२७६ महाकवि श्री हरिचंद्र का राजनीति वर्णनभद्रबाहु निमित्तशास्त्र-वंद्य जवाहर लाल १०१२३५, 4. कैलाशचद्र शास्त्री ११२३५ १०।२६१, १०१३३५, १०॥४१३ महाकवि समयसुन्दर और उनका दानशील तप भावना भ. विश्वभूषण की कतिपय अज्ञात रचनाएं संवाद-सत्यनारायण स्वामी एम. ए. २०११४० श्री अगरचन्द्र नाहटा १८।१५८ महाकवि सिह मोर प्रद्युम्न चरित्रभव्यमार्गोपदेश उपासकाध्ययन-क्ष. सिद्धसागर १३।१७६ प. परमानंद जैन शास्त्री ८।३८६ भव्यानंद पंचासिका भक्तामर स्तोत्र का अनुवाद महाकवि स्वयभू और त्रिभुवन स्वयभू-प. नाथूराम प्रेमी ५।२९७ मुनि श्री कांतिसागर १७१८३ भ. शुभकीर्ति और शान्तिनाथ चरित-परमानन्द शास्त्री महाकवि हरीचद का समय-पं. कैलाशचद जैन शास्त्री ८१३७६ २११० महाकवि स्वयम्भू और उसका तुलसीदासजी की रामायण भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा१९६६ का पुरस्कार घोषित पर प्रभाव-परमानन्द शास्त्री १४।१०६ लक्ष्मीचन्द्र जैन २०६१ भाषा साहित्य का भाषा विज्ञान की दृष्टि से अध्ययन महाधवल अथवा महाबध पर प्रकाश प. सुमेरचंद दिवाकर B. A. शास्त्री ५४०५ श्री माईदयाल जैन बीए. बी. टी. १३।२१० भूधरदास का पार्श्वपुराण : एक महाकाव्य महान् सन्त भ. विजयकीति-डा. कस्तुरचद कासलीवाल श्री सलेकचन्द्र जैन एम. ए. १८६११६ २०११३७ भूपाल चौबीसी की एक महत्वपूर्ण सचित्र प्रति महापुराण कालिका और कवि ठाकुर-परमानन्द शास्त्री अगरचन्द्र नाहटा १८१५६ १३।१८६ महापुराण कलिका की प्रतिम प्रशस्ति-परमानंद १३३२०२ मध्यकालीन जैन हिन्दी काव्य में शांताभक्ति महावीर का गृहत्याग-डा. कस्तूरचद कासलीवाल १७:१९ डा. प्रेमसागर जैन १८१६४ मानवता के पुजारी हिन्दी कवि-कन्हैयालाल प्रभाकर मध्यकालीन हिन्दी जैन काव्य में प्रेमभाव ६।११५ डा. प्रेमसागर जैन १५२२५१ माणिकचन्द : एक भक्त कवि-गंगाराम गर्ग एम. ए. मन्दालसा-स्तोत्र (शुभचद्र)-सम्पादक १०३८५ १७।२७८ मराठी जैन साहित्य-डा. विद्याधर जोहरापुरकर मुद्रित श्लोक वातिक की त्रुटि पूर्ति-प. परमानंद ६।३४३ १५२२५३ मुनिसुवत काव्य के कुछ मनोहर पद्यमरुदेवी स्वप्नावली-अनु. पं. पन्नालाल साहित्याचार्य ५॥१७ प. सुमेरचंद दिवाकर ४११७० महाकवि पुष्पदन्त-पं. नाथूराम प्रेमी ४।४०५, ४१४५५ मूलाचार के कर्तृत्व पर नया प्रकाशमहाकवि रइधु-पं. परमानन्द शास्त्री १०॥३७७, प. हीरालाल सि. शा. १३११८ १११२६५, ११।३१७ मूलाचार सग्रह ग्रंथ है-परमानन्द शास्त्री २।३१६
SR No.538022
Book TitleAnekant 1969 Book 22 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1969
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size17 MB
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