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विषय-सूची
अनेकान्त को सहायता कमांक विषय
पष्ठ
२१) मेट कम्मीरीलालजी (कश्मीर वालो) ने अपने
मुपुत्र विनोद कुमार जी जैन (इजीनियर) का विवाह १. म्वयम्भू-तृति--पद्यनन्द्याचार्य
ला. महावीर प्रमाद जी अरवाल मेटलवर्स रेवाडी की २ यगम्तिलक का मास्कृतिक यध्ययन-- डा०
पुत्री चि. कुमारी प्रमिला के माथ जैनविधि से ३० अप्रैल गोकुलचन्द जैन आचार्य एम ए पी-एच. डी २
को सम्पन्न हुग्रा । उम मुअवसर पर ७५१) के निकाल ३. मोनागिरि मिद्धक्षेत्र और तन्मम्बन्धी माहित्य । हए दान में मे २१) अनेकान्ल को मधन्यवाद प्राप्त हुए ।
-डा० नेमिचन्द शास्त्री, एम ए. डी लिट् ८ २१) गयबहादुर सेठ हरखचन्द जी पाण्ड्या गची के ४ क्या कभी किमी का गर्व स्थिर रहा है? १३ लघुभ्राता नागचन्द जी की सुपुत्री चि० मरोज कुमारी के
मानव जातियों का देवीकरण -माध्वी । विवाहोपलक्ष मे निकाले हए ५४१) के दान में में इक्कीम श्री मघमित्रा
१४ | रुपया अनेकान्त को मवन्यवाद प्राप्त हुए। आशा है दमी ६ प्रनिष्ठा तिलक के कर्ता नमिचन्द्र का ममय तरह अन्य महानुभाव भी धार्मिक एवं सामाजिक अवमगे ----पं० मिलापचन्द्र कटारिया
पर ग्रनकान्त को महायता भिजवाने का प्रयत्न करेंगे। पागम और त्रिपिटको के मदर्भ में अजातशत
व्यवस्थाप 'अनेकान्त' कुणिक-मुनि श्री नगगन
वोग्मेवामन्दिर २१ दरियागंज, दिल्ली। ८ कुलपाक के माणिक म्वामी- डा० विद्याधर जोहग पुरकर
अनेकान्त के ग्राहकों से मुग्व का स्थान - -परमानन्द
अनेकान्त के प्रेमी पाठको मे निवेदन है कि अनेकान्त १०. गजपून कानिक मालवा का जैन-पुगतन्य- का २१वे वर्ष का प्रथमाक उनकी मेवा में पहुंच रहा है। नेमिह गौद एम. बी. एड
" | कृपया अक मिलते ही २१व वर्ष का वार्षिक मूल्य ६) ११ माध्याय मेघविजय के मेघ महोदय में
मनीग्राईर में भिजवा कर अनुगृहीत करें। अन्यथा अगला उल्लिग्विन कतिपय अपात्र रचना.
अक वी० पी० में भेजा जावेगा।
व्यवस्थापक 'अनेकान्त' अगरचन्द नाहटा अग्रवालो का जैन सम्कति
स्वास्थ्य-कामना परमानन्द शास्त्री
वीर मवामन्दिर के सम्थापक वयोवृद्ध प्रसिद्ध नि१२. माहित्य-ममीक्षा--परमवन्द शास्त्री / ७
हामिक विद्वान ५० जुगलकिशोर जी मुख्तार एटा में
बीमार हो गये थे। उनकी अवस्था १२ वर्ष की है, इम सम्पादक-मण्डल
बद्धावस्था में भी वे बगबर लम्बन कार्य करते है। और डा० प्रा० ने० उपाध्य
योगमार की प्रस्तावना लिम्व रहे है। अनेकान्त परिवार डा०प्रमसागर जन
उनकी स्वास्थ्य कामना करते हए उनके चिरजीवी होने की श्री यशपाल जैन
कामना करता है।
अनेकान्त में प्रकाशित विचारो के लिए सम्पारक मण्डल उत्तरदायी नहीं है। -व्यवस्थापक अनेकान्त
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अनेकान्त का वार्षिक मूल्य ६) रुपया एक किरण का मूल्य १ रुपया २५ पं०