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________________ विषय-सूची जैन . xr २२६ क्रमांक विषय पृष्ठ क्र. विषय १ वीर जिन-स्तवन-जुगलकिशोर मुख्तार १६३ | २० महान साहित्य-सेवी-मोतीलाल जैन 'विजय' २५६ २ कतिपय श्रद्धांजलिया-(विविध विद्वानों और २१ स्वर्गीय प० जुगलकिशोर जी-डा. ए. एन. _ प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा) १६४-२०६ उपाध्ये एम. ए. डी. लिट् २५८ ३ अमर साहित्य-सेवी-श्री प. कैलाशचन्द सि. २२ जैन साहित्यकारका महाप्रयाण-पं० सरमनलाल शास्त्री २१ । २६२ २३ जो कार्य उन्होने अकेले किया वह बहुतों द्वारा ४ अनुसन्धानके आलोक-स्तम्भ-प्रो०प्रेम सुमन जैन २११ | सम्भव नही-डा० दरबारीलाल जी कोठिया २६३ ५ जैन समाज के भीष्म पितामह-डा० देवेन्द्र २४ श्री जुगलकिशोर जी 'युगवीर' (कविता)कुमार शा० रामकुमार जैन एम. ए. ६ मुख्तार साहब का व्यक्तित्व और कृतित्व-- २६६ | २५ युगपरिवर्तक पीढ़ी की अन्तिम कड़ी थे युगवीर परमानन्द शास्त्री | था नीरज जैन २६७ ७ उस मृत्युञ्जय का महा -डा. ज्योतिप्रसाद | २६ साहित्य-गगन का एक नक्षत्र अस्त-श्री बलजैन भद्र जैन २६८ ८ गुणो की इज्जत २७ इतिहास का एक युग समाप्त हो गया-डा. ६ मुख्तार सा० की बहुमुखी प्रतिभा-बालचन्द | गोकुलचन्द जेन सि० शा० २२७ २८ प्राचार्य जुगलकिशोर जी मुख्तार-डा० कस्तूर१. वह युग सृष्टा सन्त (गद्य गीत)-मनु ज्ञानार्थी २३२ चन्द कासलीवाल २७३ ११ 'युगवीर' का राष्ट्रीय दृष्टिकोण-जीवनलाल जैन २३३ | २६ इतिहास के अध्याय का लोह-प्रो० भागचन्द १२ साहित्य तपस्वी स्व० मुख्तार सा०-अगरचन्द जैन 'भागेन्दु २७५ नाहटा २२२ ३० युग युग तक युग गायेगा 'युगवीर' कहानी १३ सत्यान्वेषी श्री युगवीर-कस्तूरचन्द एम. ए. २३७ | (कविता)--१० जयन्ती प्रसाद शा. १४ सरस्वती.पुत्र मुख्तार सा०-मिलापचन्द रतन ३१ श्रद्धाजलि (परिशिष्ट)-डा. दरबारीलाल आदि २७७ लाल कटारिया ३२ भावभीनी सुमनाञ्जलि-बाबू कपूरचन्द बरैया २७७ १५ युगवीर के जीवन का भव्य अन्त-डा० श्रीचन्द ३३ सस्मरण-दौलतराम मित्र १-३ जैन सगल २४३ ३४ वीरसेवामन्दिर में प्राचार्य जुगलकिशोर मु० १६ साहित्य जगत के कीर्तिमान नक्षत्र तुम्हे शतशः सा. के निधन पर शोक सभा २८० प्रणाम (कविता)-अनूपचन्द न्यायतीर्थ २४६ | ३५ श्री मुख्तार साहब अजमेर मे-फतेहचन्द सेठी २८२ १७ ऐसे थे हमारे बाबु जी-विजयकुमार चौधरी २५० | ३६ दो श्रद्धाजलियाँ २८१ १८ समीचीन धर्मशास्त्र-चम्पालाल सिंघई पुरदर २५१ , ३७ ५० चैनसुखदास जी न्यायतीर्थ का स्वर्गवास २८४ २६ एक अपूरणीय क्षति-पन्नालाल साहित्याचार्य २५४ | ३५ अनेकान्त के २१वें वर्ष की विषय-सूची २८६ २७६ अनेकान्त का वाषिक मुल्य ६) रुपया एक किरण का मूल्य १ रुपया २५ पैसा सम्पादक-मण्डल डा० प्रा० ने० उपाध्ये डा०प्रेमसागर जेन श्री यशपाल जैन परमानन्द शास्त्री भनेकान्त में प्रकाशित विचारों के लिए सम्पावक माल उत्तरदायी नहीं है। -व्यवस्थापक अनेकान्त
SR No.538021
Book TitleAnekant 1968 Book 21 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1968
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size17 MB
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