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________________ विषय २०३ विषय-सूची ग्राहकों से भनेकान्त के जिन ग्राहकों का १९वें वर्ष का वार्षिक पृष्ठ मूल्य प्रभी तक भी प्राप्त नहीं हुमा, वे इस प्रक के जिनवर-स्तवनम्-मुनि श्री पचनन्दि पहुंचते ही अपना वार्षिक शुल्क छह रुपया शीघ्र ही जैन प्रतिमा लक्षण-बालचन्द जैन एम. ए. २०४ मनीमार्डर से निम्न पते पर भेज देने की कृपा करें। सूरदास और हिन्दी का जैन पद-काव्य अन्यथा प्रगला अंक वी. पी. से भेजा जावेगा, उसमें ७५ (एक तुलनात्मक विश्लेषण)-डा. प्रेमसागर जैन २१३ पैसे अधिक देने होगे। एलिचपुर के राजा एल (ईल) और राजा मरिकेसरी-40 नेमचन्द धन्नूमा जैन २१६ व्यवस्थापक 'अनेकान्त' षट्खण्डागम-परिचय-बालचन्द्र सिद्धान्त शास्त्री २२० वीरसेवा मन्दिर, २१ दरियागंज दिल्ली खजुराहो का घंटइ मन्दिर -गोपीलाल 'प्रमर' एम. ए. २२६ बंगाल का गुप्तकालीन जन ताम्र-शासन सूचना -स्व. बाबू छोटेलाल जैन २३४ २०२ पेज का महत्वपूर्ण अनेकान्त का 'छोटेलाल जैन स्व-स्वरूप में रम २३३ स्मृति' विशेषांक छह रुपया भेजने वाले प्रत्येक ग्राहक को जैनदर्शन और निःशस्त्रीकरण फो प्राप्त होगा। उसका अलग मूल्य नहीं लिया जावेगा। -साध्वी श्री मंजुला २४० प्रतः जन साहित्य और इतिहास के प्रेमी पाठकों, शिक्षा संस्थाओं और लायरियों को छह रुपया भेज कर शीघ्र ही ग्राहक बन जाना चाहिये। और जो मज्जन सम्पावक-मण्डल अनेकान्त की पुरानी फाइलें चाहें उन्हें वें वर्ष से १८वें डा०मा० ने० उपाध्ये वर्ष तक की सब फाइलें उसके निश्चित मूल्य पर ही डा. प्रेमसागर जैन मिलेंगी। हां, डाक रजिस्ट्री खर्च अलग होगा। श्री यशपाल जैन -व्यवस्थापक अनेकान्त परमानन्द जैन वीर सेवा मन्दिर २१ दरियागंज, दिल्ली। समागत प्रन्यों को समालोचना अगले अंक में दो जावेगी। अनेकान्त में प्रकाशित विचारों के लिए सम्पादक - मण्डल उत्तरदायी नहीं है। अनेकान्त का वार्षिक मूल्य ६) रुपया व्यवस्थापक बनेकान्त एक किरण का मूल्य १ रुपया २५ पै.
SR No.538019
Book TitleAnekant 1966 Book 19 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1966
Total Pages426
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size23 MB
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