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________________ अनेकान्त अनेकान्त के सहायक WHAHAH A RAN Arvind AWARENER FACHANDHEARN tại, kiwi - *ME terror hi THURNA । । handa RAMA ANGANA . . .... 4. + मेट गजराज जी मरावगी कलकना. अनेक संस्थाओं के ट्रस्टी, अध्यक्ष, मदस्य । लाइन के भव्यकलापूर्ण जिन-मन्दिर के निर्माता । पाकिस्तान के "जुटकिंग"। मप्रसिद्ध-दानी सेठ नथमलजी सेटी कलकत्ता--आप सुप्रतिष्टित जूट व्यवसाई हैं। प्रमुख संस्थाओं से मम्बन्धित होते हुए भी आप मृक समाजसेवी हैं। larirav AA . .. . Luitelweta SA- The NE ". .. N et . ... . . २ . x . ... .fier -.-a mui.. -. . ... . hanum - . -.. . m a .. . . . 2. 4. . . . .. RT 73-.-AANTI A -E... Min i sand ..HMMAR MAARE For... *.. .t न ASTHA श्री रतनलालजी झांझरी कलकत्ता-आप सच्चं सुधारक हैं, विजातीय विवाह और विदेश-यात्रा के समर्थन के कारण जाति वहिष्कृत तक हुए। चर्चा-सागर ग्रन्थ के वहिष्कारआन्दोलन में मफलता प्राप्त की। युवकों को जागृत किया। मेट बैजनाथजी मरावगी कलकत्ता-आप जैन समाज के पुराने कार्यकर्ता हैं। सराक ( प्राचीन श्रावक) जाति के उद्धार के लिये स्व. जन-धर्मभूषण प्र. शीतल प्रसादी के साथ आपने बहुत काम किया था। अब भी समाज-सेषा के कार्यों में तन, मन, धन से सहयोग देते रहते हैं।
SR No.538015
Book TitleAnekant 1962 Book 15 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1962
Total Pages331
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size18 MB
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