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________________ राष्ट्रीय सुरक्षा कोष में जैन समाज का योगदान प्राज हमारा राष्ट्र संकटकाल से गुजर रहा है। विश्वासघाती चीन ने हमारी मातृभूमि पर हमला किया है। जिसका हमें मुंहतोड़ उत्तर देना है और अपनी स्वाधीनता की रक्षा करनी है। सारा देश जाग गया है। देश के नेतानों ने अपने सभी मतभेद भुला दिये हैं और राष्ट्रीयरक्षा के कार्य में जुट गए है। अन्य समाजों के साय जैन समाज ने भी राष्ट्रीय संरक्षण कोष खोला है। यद्यपि जैन समाज को अन्य अनेक समा सोसाइटियों को पोर से सुरक्षा कोष में धन देना पड़ता है। फिर भी दिल्ली और बाहर की जैन समाज के बान की जो सूची पब तक प्राप्त हुई है उसको नीचे दिया जा रहा है। समाज को चाहिए कि प्रयत्न और उत्साह के साथ इस कार्य में पूरा योग देकर देश को प्राजादी को अक्षुण्य बनाने का प्रयत्न करें और जगत को यह दिखला दें कि हिंसक जैन समाज अपने कर्तव्य पालन में कभी पीछे नहीं रही है। ५०.०००) साहू शान्तिप्रसाद जी, साहू जैन उद्योग कल- १००१) जैन संस्कृत कमशियल स्कूल, सेठ का कूचा, कत्ता । दिल्ली। २०० तोला सोने के आभूषण श्रीमती रमा- १३५१) जैनसमाज सागवाड़ा, राजस्थान । रानी जन कलकत्ता। ७३ तोला सोना शाह केशरीमल जी । १०००००) सेठ छिदामीलाल जी जैन, ग्लासवर्क्स, फिरो- ११००) दि. जैनसमाज जसवन्त नगर (इटावा)। जाबाद । १००१) जनसमाज, मगरौनी । ५१०००) खेलशंकर भाई दुर्लभ जी जौहरी, जयपुर । १००१) श्रीमती विदुषी कृष्णाबाईजी, श्री महावीरजी ५०.००) सेठ सोहनलाल जी दूगड़, कलकत्ता। २१३) जैनसमाज दरियागंज, दिल्ली दूसरी किश्त । २५०००) श्वेताम्बर जैन समाज, दुर्ग । १४८०) जैनसमाज तिजारा, नाटकों के टिकटों द्वारा। १५०००) जैनसमाज, बालाघाट । २१००) गनपतराय जी सेठी, लाडनू । ११०००) स्वस्तिकमेंटलवर्स, जगाधरी। २१ तोला सोना सागरमल जी, लाडनू । ९५०१) जैन बादर्स, राजनांद गांव । ५००) जनसमाज, अबागढ़ (एटा)। ६३००) जैन महिला संघ सदर बाजार दिल्ली और २१००) राजेन्द्रप्रसाद उर्फ कम्मोजी मानस्तम्भ प्रतिष्ठा ३६ तोला सोना के अवसर पर धर्मपुरा, दिल्ली । ५००१) दि जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी । १००१) श्रीकृष्णलाल जैन, इटावा अध्यक्ष नगरपालिका ५०००) भाऊ साहब कुन्दनमल जी फिरोदिया परिवार ११००) दि. जैनमन्दिर भीलवाड़ा और अहमदनगर और ३१ तोला सोना । १२१ तोला चांदी के वर्तन । ५००६) हंसराज जी सुराणा चूरू, तथा १०००) ३०००) जैन युवक संघ, रामपुर । मासिक। ११००) श्रीमती मोमप्रभा जैन उपशिक्षामंत्राणी पंजाब, और ६ तोला सोना । २९५१) हीरालाल जैन हायरसेकेण्डरी स्कूल, सदर ८००) दि. जैन डिगरी कालेज, बड़ौत (मेरठ) और बाजार दिल्ली। १६०००) के रक्षा सार्टीफिकेट । २२१०) जैन हायरसेकेण्डरी स्कूल दरियागंज, दिल्ली। २००) सेठ अचलसिंह जी आगरा प्रारम्भिक भेंट तथा २ दो सोने की अंगूठी । और १००) मासिक संकट काल तक । ११००) जनसभा दरियागंज दिल्ली, पहली किश्त । (शेष पृष्ठ २४२ पर)
SR No.538015
Book TitleAnekant 1962 Book 15 Ank 01 to 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA N Upadhye
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1962
Total Pages331
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size18 MB
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