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अनेकान्त:
श्रीमान बाबु रघुवरदयालजी जैन एम० ए०. एलएल• बी.
___ करौलबाग, न्यू देहली ५. जिन्होंने अपने पूज्य पिता श्री रामदयाल जी. तथा पूज्य मातेश्वरी श्री चमेलीबाई जैन की पुण्य स्मृति में वीरसंवामन्दिर, २१ दरियागंज, दिल्ली के नृतन भवन की तीसरी मंजिल में पूर्व की ओर के तीनों कमरे बनवाये हैं।