SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 70
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनेकान्त -> श्रीमान् दानवीर साहू शान्तिप्रसादजी जैन कलकत्ता Marat EMS ke अभी वैशालीके महावीर जयन्तीके उत्सवमें, वैशाली कमेटीके संरक्षक, भारतकं प्रमुख उद्योगपति और जैन ममानक नररत्न, वोरसेवा मन्दिर (दिल्ली ) के ट्रस्टी और मंरक्षक दानवीर माइ शान्तिप्रमादजी जैन कलकताने प्राकृत जैन विद्यापीठ वैशालीके भवन निर्माणक लिये एक मुश्त पांच लाख रुपया और पांच वर्ष तक पच्चीस हजार रुपया प्रतिवर्ष देते रहने की महत्वपूर्ण उदार घोषणा की है। आप जैन संस्कृतिके लिये लाखों रुपया प्रतिवर्ष मुक्तहस्तसे प्रदान करते रहते हैं। आपका यह युगानुकल दान प्राचीन भारतीय जैनसंस्कृति के लिए वरदान सिद्ध होगा। जैनसमाजकी प्रतिष्ठाको ममुन्नत करने वाले दानवीर युवक रत्न साहू शान्तिप्रसादजी चिरजीवी हों और चिरकाल तक जैन वाङ्मयका मंरक्षण करते रहें, यही अनेकान्त परिवारको हार्दिक शुभकामना है।
SR No.538013
Book TitleAnekant 1955 Book 13 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1955
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy