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Raकान्त
सितम्बर १९५४
सम्पादक-मण्डल जुगलकिशोर मुख्तार छोटेलाल जैन जयभगवान जैन एडवोकेट परमानन्द शास्त्री
अनेकान्त वर्ष १३ ॥
महामना पूज्य वर्णी जी भारत के ही अहिंसक सन्त नहीं हैं किन्तु वे दुनियाके आध्यात्मिक योगी हैं। वे शुल्लक पदमें स्थित होते हुए भी भाव मुनि हैं। आपने ८१वें वर्ष में प्रवेश किया है, यापकी जयन्ती ता० १६ सितम्बर १९५४ को समारोहके साथ ईसरीमें मनाई गई । इस अवसर पर अनेकान्त परिवार अपनी श्रदांजलि सादर समर्पित करता हुधा आपके शतवर्ष जोवी होनेकी कामना करता है।
किरण ३
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