________________
विषय और लेखक पृष्ठ विषय और लेखक
पृष्ठ सिद्ध गुणस्त्रोतम्-[पं० आशाधर
१ हिन्दी जैन साहित्यमें अहिंसा-कुमारी साहित्य परिचय और समालोचन-[पं.
किरणबाला जैन २५४ परमानन्द जैन शास्त्री ४०, १७१, २५८, २७०, २४ साहित्य पुरस्कार और सरकार सत्यभक्त ३७४ हिन्दी जैन साहित्यमें तत्त्वज्ञान-[ कुमारी स्तरके नीचे (कहानी)मनुज्ञानार्थी साहित्यरत्न :७३
___किरणबाला जैन १६४, २२३, हमारी तीर्थयात्रा संस्मरण-पं० परमानन्द
हिन्दी जैन साहित्यकी विशेषता-श्री कुमारी । जैन शास्त्री ३६, ८८, १६३, १८८, २३५, २४, २७६, ३१६
किरणबाला जैन १५६ --
नवीन वर्षसे कुछ उपयोगी योजनाएँ अनेकान्त प्रतिमास ऐतिहासिक, अनुसन्धानात्मक आदिको जिसे वे भिजवाना चाहेंगे। एवं स्वाध्यायोपयोगी सामग्री पाठकोंके समक्ष प्रस्तुत
समक्ष प्रस्तुत (२) जो विद्वान स्थानीय किसी संस्था और मंदिर करता है। परन्तु प्रतिवर्ष घाटा रहनेसे वह जैसी और का माहक बनाकर १२) मनीआर्डरसे पेशगी भेजगे जितनी उत्तम सामग्रो प्रस्तुत करना चाहता है, उसे उन्हें अनेकान्त एक वर्ष तक मेंटस्वरूप भेजा जायगा। नहीं कर पाता । इस घाटेकी पूर्ति तभी हो सकती है, शायना -आगामी वर्षसे स्वाध्यायोपजब कि इसकी ग्राहक संख्या बढ़े। इसके लिए आगामी योगी सामग्री एवं शंका-समाधानका स्तम्भ रखनेको वर्ष से निम्नलिखित योजनाएं की गई हैं:
स्वास व्यवस्था की जारही है। अतः लोगोंको नवीन मनीआर्डरसे १०) पेशगी भेजने वालोंका वर्षके प्रारम्भसे ही ग्राहक बनने तथा बनानेकी शीघ्रता प्रत्येक किरणकी दो कापी दी जायेंगी, एक उनके लिए करना चाहिए । और दूसरी उनके किसी इष्ट मित्र, रिश्तेदार या संस्था
-व्यवस्थापक 'अनेकान्त'
'अनेकान्त की पुरानी फाइलें 'अनेकान्त' की कुछ पुरानी फाइलें वर्ष ४ से १२ वें वर्षतक की अवशिष्ट हैं जिनमें समाजके लब्ध प्रतिष्ठ विद्वानों द्वारा इतिहास, पुरातत्व, दर्शन और साहित्यके सम्बन्धमें खोजपूर्ण लेख लिखे गये हैं और भनेक नई खोजों द्वारा ऐतिहासिक गुत्थियों को सुलझानेका प्रयत्न किया गया है । लेखोंकी माषा संपत सम्बद्ध और सरल है। लेख पठनीय एवं संग्रहणीय हैं। फाइल थोड़ी ही शेष रह गई हैं। प्रता मंगानेमें शीघ्रता करें। प्रचारकीरष्टिसे फाइलोंको लागत मूल्य पर दिया जायेगा । पोस्टेज खर्च अलग होगा।
मैनेजर-'अनेकान्त' बीरसेवामन्दिर, १ दरियागंज, दिल्ली ।