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________________ " जा जन Regd. No. D. 211 Hamaanadaa E EEEEEEEEEEEEEET __ अनेकान्तके संरक्षक और सहायक अनेकान्त पत्रको स्थायित्व प्रदान करने और सुचारू रूपसे चलानेके लिये कलकत्ता2 में गत इन्द्रध्वज-विधानके अवसर पर (अक्तूबरमें) संरक्षकों और सहायकोंका एक नया ४ 5 आयोजन हुआ है। उसके अनुसार २५१) या अधिकको सहायता प्रदान करने वाले सज्जन " 'संरक्षक' और १०१) या इससे ऊपरको सहायता प्रदान करने वाले 'सहायक होते हैं । अब R तक 'अनेकान्त' के जो 'संरक्षक' और 'सहायक' बने है--उनके शुभ नाम निम्न प्रकार है :-- १५००) बा० नन्दलालजी सरावगी कलकत्ता २५१) ला० रघुवीरसिहजी, जैनावाचकम्पनी,देहली २० 18 २५१) बा० छोटेलालजी जैन " १०१) ला० परमादीलाल भगवानदासजी पाटनी,, M. २५१) बा० सोहनलाल जी जैन १०१) बा. लालचन्दजी बी० सेठी, उज्जैन २५१) ला० गुलजारीमल ऋषभदास जी " १०१) बा. घनश्यामदाम बनारसीदासजी कलकत्ता " २५१) बा० ऋषभचन्द्रजी (V.R.C.)जैन" १०१) वा. लालचन्द्रजी जैन सरावगी " २५१) बा० दीनानाथजी सरावगी १०१) बा. मोतीलाल मक्खनलालजी कलकत्ता २५१) बा० रतनलालजी झाझरी १०१) बा. बद्रीप्रसादजी सरावगी २५१) सेठ बल्देवदासजी जैन १०१) बा. कांगीनाथ जी, कलकत्ता २५१) सेठ गजगजजी गगवाल १०१) वा. गोपीचन्द रूपचन्दजी २५१) सेठ सुआलालजी जैन १०१) बा० धनजयकुमारजी २५१) बा० मिश्रीलाल धर्मचन्दजी १०१) बा० जीतमलजी जैन २५१) सेट मांगीलालजी १०१) बा. चिरजीलाल जी मरावगी " २५१) सेठ शान्तिप्रसाद जी, जैन १०१) बा० रतनलाल चॉदमलजी जैन, रॉची २५१) बा० विशनदयाल रामजीवनजी, पुलिया १०१) ला० महावीरप्रसादजी ठेकेदार, देहली २५१) ला० कपूरचन्द्र धूपचन्द्रजी, जैन कानपुर १०१) ला० रतनलालजी मादीपूरिया, देहली २५१) बा० जिनेन्द्रकिशोरजी जैन जौहरी देहली १०१) श्री फतेहपुर स्थित जैन समाज, कलकत्ता से २५१) ला० राजकृष्ण प्रेमचन्दजी जैन, देहली १०१) गुप्तसहायक सदर बाजार एटा २५१) बा० मनोहरलाल नन्हेमल जी, देहली १०१) श्री थीमाला देवी धर्मपत्नी डा० श्रीचन्द्र २५१) ला० त्रिलोकचन्द्र जी सहारनपुर जी जैन 'सगल' एटा २५१) सेठ छदामीलाल जी जैन, फीरोजाबाद १०१) ला० मक्खनलालजी ठेकेदार, देहली। २५१) बा. राजेन्द्रकुमारजी जैन, न्यू देहली अधिष्ठाता 'वीर-सेवामन्दिर' सरसावा, जि० महारनपुर परमानन्द जैन शास्त्री c/o धूमीमल धरमदास, चावड़ी बाजार, देहली। मुद्रक नेगनल प्रिटिग वर्क्स, १० दरियागज, देहली
SR No.538011
Book TitleAnekant 1952 Book 11 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1952
Total Pages484
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size29 MB
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