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विषय-सूची १ श्रीवीर-स्तवन-[भ० अमरकीर्ति ... २) ८ अहारक्षेत्रके प्राचीन-मूर्तिलेख-[१० गोविन्द२ अनेकान्त-रस-लहरी-[पं० जुगलकिशोर ३ दास न्यायतीर्थ
.... २४ ३ युक्तिका परिप्रह-[डा० वासुदेवशरण
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भगवान महावीर, जैनधर्म और भारत
-श्रीलोकपाल .... .... २९ ४ श्रीपण्डितप्रवर दौलतरामजी और उनकी
| १० वीर-शासन-जयन्ती-[ला०जिनेश्वरप्रसाद ३४ साहित्यिक-रचनाएँ-[पं० परमानन्द जैन ।
११ प्राप्तकी श्रद्धाका फल-[श्री १०५ क्षुल्लक ५ कवि पद्मसुन्दर और दि० श्रावक रायमल्ल
गणेशप्रसादजी वर्णी .... -[श्रीअगरचन्द नाहटा ..."
१६ | १२ साहित्य-परिचय और समालोचन ६ किसके विषयमें मैं क्या जानता हूँ?
-परमानन्द जैन शास्त्री
" ३८ -[ला० जुगलकिशोर कागजी " २० | १३ सम्पादकीय .... .." ७ कल्पसूत्रकी एक प्राचीन लेखक-प्रशस्ति १४ दिल्ली में वीर-शासन-जयन्तीका अपूर्व समारोह । -[डा० वासुदेवशरण अग्रवाल .... २२ । -[परमानन्द शास्त्री टा० पृ० ३
ग्राहकोंको अावश्यक-सूचना अनेकान्तके प्रेमी ग्राहकोंमे निवेदन है कि अनेकान्तकी पहली किरण वी० पी० से नहीं भेजी जारही है। अत: किरण पहुँचते ही अपना वार्षिक मूल्य पाँच रुपया मनीआडरसे निम्न पतेपर भेजनेकी कृपा करें । जो सजन मनीआर्डरसे पेशगी मूल्य नहीं भेजेगे उनके पास अनेकान्तकी अगली किरण पाँच रुपया चारपानेकी वी० पी० से भेजी जावेगी। वी०पी० पहचते ही छडानकी कृपा करें। निवेदक :
मनजर 'यनकान्त' ठि० गयमाहव उल्फतराय बिल्डिंग,
७.३३ दरियागज, देहली वीरसेवामन्दिरको प्राप्त महायता अनेकान्तकी गत ११-१२ वी किरणमें प्रकाशित । ५०१) बा० अनन्तप्रसाद जी जैन, इन्जीनियर, पटना सहायताके बाद वीरसेवामन्दिरको जो सहायता | २५) श्री वीरचन्द कोदरजी गांधी, फल्टण (मतारा) प्राप्त हुई वह निम्न प्रकार है और उसके लिये ११) हकीम फलचन्दजी, रुड़की जि. सहारनपुर दातार महोदय धन्यवादके पात्र हैं :
(चि० राजेन्द्रकुमारके विवाहोपलक्षमे) २००) बा० सिद्धकरण निहालकरणजी सेठी, आगरा, । १०) बा० वसन्तीलालजी जैन, जयपुर । (लायब्रेरीकी सहायतार्थ)
-अधिष्ठाना 'वीरसेवामन्दिर' अनेकान्तके विज्ञापन-रेट एक वर्षका छह महीनेका एकबारका | एक वर्षका छह महीनेका एकवारका पूरे पेजका १५०) ८०) १५) चौथाई पेजका ५०) ३०) ६) श्राधे पेजका ८०) ५०) १०) ।
स० सम्पादक : दरबारीलाल कोटिया, न्यायाचाय