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'भारतीय ज्ञानपाठक नय प्रकारान
१. न्यायविनिश्चयविवरण-(प्रथमभाग)
अकलङ्कदेवकृत न्यार्यावनिश्चयकी वादिराजसूरि-रचित व्याख्या। टिप्पणी आदि सहित। विस्तृत हिन्दी प्रस्तावनामे स्याद्वाद सप्तभङ्गी आदिके स्वरूपका विवेचन है । स्याद्वादपर किये जाने वाले आक्षपोका निराकरण है। इस भागमे आए हुए विषयोंका संक्षिप्त
परिचय है। सम्पादक-प्रो. महेन्द्रकुमारजी न्यायाचार्य, पृ० सं०६००। मूल्य १५) २. तत्त्वार्थवृत्ति
तत्त्वाथसूत्रकी श्र तसागरसूरिविरचित । हिन्दी मारसहित । विस्तृत हिन्दी प्रस्तावनामें तत्त्व, सम्यग्दर्शन, प्रमाण, नय स्याद्वाद. मप्तभङ्गी आदिका नृतन दृष्टिसे विवेचन है। सम्पादक-प्रा० महन्द्रकुमारजी न्यायाचार्य, पृ. ६४० ।
मूल्य १६) ३. कुन्दकुन्दाचार्यके तीन रत्न
कुन्दकुन्दस्वामीके पञ्चास्तिकाय, प्रवचनमार और समयमार इन तीन आध्यात्मिक निधियोका हिन्दामें विपय-परिचय । गरल सुबोध भापामे जैन तत्त्वज्ञान और अध्यात्मका रमास्वादन कीजिए। अनुवादकता-पं० शोभाचन्द्र भारिल्ल ।
मूल्य) ४. करलक्खण
सामुद्रिकशास्त्र । हिन्दी अनुवाद-महिन । सम्पादक-प्रो. प्रफुल्लकुमार मादी । मूल्य १) ५. मदनपराजयहिन्दी अनुवाद-महिन । जिनदेवके द्वारा कामपगजयका सम्म सुन्दर म्पक । विस्तृत
प्रम्नावना-सहित । सम्पादक-प्रा. राजकुमारजी साहित्याचार्य ।। मूल्य ८) ६. कन्नडप्रान्तीय नाडपत्रीय ग्रन्थसूचीगविद्री. अलियूर. कारकलके भण्डारीके अलभ्य ताडपत्रीय ग्रन्धोका मविवरण
परिचय । विस्तृत हिन्दी प्रस्तावना-सहित । संपादक-पं० मुजबली शास्त्री। मूल्य १३) ७ शेर-यो-शायरी-उदक मन्तिम १५०० शेर और १६० नज्माका अपूर्व संग्रह । लेखक-अयोध्याप्रमादजी गोयलाय ।
मूल्य) ८. महावन्ध (महाधवल सिद्धान्तशास्त्र)-प्रथमभाग । भापानुवाद-महिन। मूल्य १२) ९. जनशासन-जैनधर्मका परिचय करने वाली सुन्दर पुस्तक । मृल्य ४ा) १०. आधुनिक जनकवि-वर्तमान कवियोंका कलात्मक परिचय।
मूल्य ३) ११. हिन्दी जनमाहित्यका मंक्षिप्त इतिहास
__ मूल्य ) १२. दा हज़ार वर्ष पुरानी कहानियां
व्याख्यान तथा प्रवचनामे उदाहरण दन योग्य ६४ जैन कहानियोका मुन्दर संकलन ।
मूल्य ३) १३. पाश्चात्य तक शास्त्र
मूल्य ६) १४. मुक्तिदूत
अञ्जना-पवनञ्जयकी पुण्य गाथा।न पागणिक, रोमांस । हिन्दी साहित्यक्षेत्रमे भी मुक्तकण्ठसे प्रशसित सुन्दर कलाकृति ।
मूल्य ४) १५. पथचिह्व