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________________ अनेका सम्पादक-पं० जुगलकिशोर मुग्तार - विषयसूची : : : D नवंबर दिसंबर । समन्तभद्र-भारती के कुछ नमन (युक्त्यनुशासन)-[सम्पादक ०३ • श्रा, भापायों की व्यु. जैन० महत्व -- [बा, व्यातिप्रसाद एम. ए...५ ३ ग्रंथ और ग्रंथकार (मूलाचार कार्तिकयानुप्रक्षा)-[सम्पादक ५ वीतरागस्तोत्र--सम्पादक ५ मर गधाकृष्णनके विचार--- ६ साम्प्रदायिक दंगे और हिमा - [बा. गजकुमार जैन ७ भ० महावीर और उनका सन्देश-श्रीकम्यूरसाव जैन. बी. ए., ०३७ वनम्पति घी- महात्मा गांधी ६१३ वे सूत्र में मजद पदका विरोध क्या ?--[पं० दरबारीलाल ४७ १० कायरता चोग्पाप है---श्री अयोध्याप्रसाद गोयलीय ११ बंगालके कुछ प्राचीन जैनथल--[चा, ज्योतिप्रसाद एम. ए. १. चारित्र्यका आधार-श्री काका कालेलकर १३ धर्म आर नारी-बा. ज्योनिप्रसाद जैन. एम. ए. १४ अपभ्रंश भाषाका जैन कथा-साहित्य---[पं० परमानन्द शास्त्री १५ प्रा. जनमक ध्वं में निर्मित पम्जिदें---[वा० ज्योतिप्रसाद एम०प, १६ रत्न और आ० का का कर्तृत्व प्रमागग सिद्ध है-[पं० दरबारीलाल :१७ एक प्राचीन ताम्र-शासन[सम्पादक १८ भदारकीय मनोवृत्तिका एक नमूना----[सम्पादक १६ विविध विषय-[जे० पी०] .. REATREE.. साहित्यपरिचय और समालोचन--[ज्योनिप्रसाद जैन 1 ॥ ar ) ॥ 0 STIKA
SR No.538008
Book TitleAnekant 1946 Book 08 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1946
Total Pages513
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size68 MB
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