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विषय-सूची
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१. जिनसेन-स्मरण ....
पृष्ठ ६४ २. श्रीभद्रबाहु स्वामी-म० ले मुनि श्री चतुरविजय अनु० पं० परमानन्द ... ६७८ ३. शिक्षित महिलाओंमें अपव्यय-[श्री ललिताकुमारी
६८५ ४. प्रथम स्वहित और बादमें परिहित क्यों ? [श्री दौलतराम मित्र ५. भाभार और धन्यवाद, भनेकान्तका आगामी प्रकाशन, मेरी आन्तरिक इच्छा [सम्पादकीय ६. पण्डितप्रवर आशाधर [ श्री पं० नाथूराम प्रेमी ७. ऊँच-नीध-गोत्र विषयक चर्चा [ श्री बालमुकुन्द पाटोदी
७०७ ८. मेंडकके विषय में शंका [श्री दौलतराम मित्र
७१८ ९. तामिल भाषाका जैन साहित्य [मू० ले० प्रो० ए. चक्रवर्ती अनु०पं० सुमेरचन्द दिवाकर १७. प्रो० जगदीशचन्द और उनकी समीक्षा [ सम्पादकीय ११. वीरसेवामंदिर-विज्ञप्ति अधिष्ठाता १२. गो० कर्मकांडकी त्रुटि पूर्ति के विचार पर प्रकाश [ पं० परमानन्द शास्त्री ...
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वीरसेवा मन्दिर को सहायता
हालमें बा० विश्वम्भरदासजी जैन गार्गीय, झाँसी ने, वीरसेवामन्दिरमें पधार कर उसके कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसे. १०) ककी सहायता प्रदान की है, जिसके लिए आप धन्यवाद के
पात्र है।
अधिष्ठाता 'वीरसेवामन्दिर
सरसावा, जि. सहारनपुर।