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________________ ®विषय-सूची पृष्ठ २६६ २७७ २८० २८१ २८३ १. विद्यानन्द-स्मरण १. श्री.शुभचन्द्राचार्यका समय और ज्ञानार्णवकी एक प्राचीन प्रति [श्री०५० नाथराम प्रेमी ३. शिकारी ( कहानी)-[ श्री. भगवत् जैन ४. अनुरोध ( कविता )-[श्री. भगवत् जैन १. आत्मिक क्रान्ति ---[श्री या० ज्योतिप्रसाद विशाग्द ६. मम्बोधन ( कविता )-[श्री० ७० प्रेमचन्द ७. हिन्दी साहित्य-मम्मेलन और जैन दर्शन-[श्री पं० सुमेरचन्दजी। ८. जीवन-माध ( कविता )-[५० भवानीदत्त शर्मा 'प्रशान्त' ६.हरिभद्रमरि-[श्री०५० रतनलाल संघवी १० वीर शासनाक पर सम्मतियाँ ११ जैनममाज के लिये अनुकरणीय श्रादर्श-[ श्री. अगरचन्द नाहटा १२ गोम्मटसार एक मंग्रह ग्रन्थ है-[प० परमानन्द जैन शास्त्री १३ मानवधर्म (कविता)- श्री. 'युगवीर' १४ तल्वार्थाधिगम भाष्य और अकलंक-[प्रो० जगदीशचन्द एम.ए.. १५ तत्त्वार्थाधिगमभाष्य और अक्लंक पर मम्पादकीय विचारणा १६ साहित्य परिचय और ममालांचन-मम्पादकीय १७ मामायिक विचार--श्रीभद्राजचन्द्र १८ सुभाषित-[कविवर बनारमीनामनी २८४ २८५ २८६ २६२-२६६ २६३ २६७ ३०३ ३०४ ३०७ ३१२ टाइटिल अनेकान्तकी फाइल अनेकान्त के द्वितीय वर्ष की किरणोंकी कुछ फाइलोको माधारण जिल्द बंधवाली गई हैं । १२वी किरण कम हो जाने के कारण फाइलें थोड़ी ही बन्ध मकी है। अतः जो बन्धु पुस्तकालय या मन्दिरोंमें भेंट करना चाहें .या अपने पास रखना चाहें घ २॥) रु. मनीआर्डरंग भिजवा देंगे तो उन्हें मजिल्द अनेकान्तकी फाइल भिजवाई जा सकेगी। जो सज्जन अनेकान्त के ग्राहक हैं और कोई किरण गुम हो जाने के कारण जिल्द बन्धवाने में असमर्थ है उन्हें १२वी किरण छोड़कर प्रत्येक किरण के लिये नार पाना और विशेषांक के लिये पाठ श्राना मिज. बाना चाहिए तभी प्रादेशका पालन हो सकेगा। -व्यवस्थापक
SR No.538003
Book TitleAnekant 1940 Book 03 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1940
Total Pages826
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size80 MB
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