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________________ विषय-सूची .. C -३ समन्तभद्र-जयघोष, समन्तभद्र-विनिवेदन, समन्तभद्र-हृदिस्थापन ४ वीरभगवानका वैज्ञानिक धर्म--[ बा. सूरजभान वकील ५ भ० महावीरका जीवनचरित्र - श्री ज्योतिप्रसाद जैन 'दास' ६ यह सितमगर कब-[ श्रीकुमारी पुष्पलता ७ सुभाषित-[तिरुवल्लुवर ६५४, ६६५ ८ मन्दिरोंके उद्देश्यकी हानि--[पं० कमलकुमार जैन शास्त्री ६ वे पाये (कविता)-[पं० रत्नचन्द जैन १० अतीतके पृष्टोंसे ---[ 'भगवन्' जैन ५१ योनिप्राभूत और प्रयोगमाला-[पं. नाथूराम प्रेमी १२ कथा कहानी- [बा० माईदयाल बी. ए., बी. टी. ६६६ १६ मनप्योंमें उच्चता नीचता क्यों ?- [पं. बंशीधर व्याकरणाचार्य १४ गोवलक्षणोंकी सदोषता-[पं० ताराचन्द जैन दर्शनशास्त्री ६८० १५ जात्सुन्दरी-प्रयोगमाला की पूर्णता -[सम्पादकीय ६८९ १६ श्री. बाबू छोटे लालजी जैन रईस कलकत्ताके विशुद्ध हृदयोद्गार और ५००) रु० की रहस्यपूर्ण भेट टा०३ urur War वीरसेवामन्दिरको सहायता हाल में वीरसेवामन्दिर सरसावाको निम्न सज्जनांकी ग्रोरस २८) म० की महायता प्राप्त हुई है, जिसके लिये दातार महाशय धन्यवादके पात्र हैं : २५) बाबू लालचन्द जी जैन, एडवोकेट, रोहतक । २) बाब रोशनलाल जैन, हेड क्लर्क रेल्वे फीरोज़पुर । १) बाबू देसराज जी जैन अबोहर (पंजाब)
SR No.538002
Book TitleAnekant 1938 Book 02 Ank 01 to 12
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1938
Total Pages759
LanguageHindi
ClassificationMagazine, India_Anekant, & India
File Size105 MB
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