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पूरा अनुष्ठान हुए सतीने
प्रणाम साष्टांग किये दिजेांको. आशीष दी ब्राह्मण मण्डलीने, ___ "विनाश पावे सब विघ्न बाधा
आनन्द हो, मंगलमोद छावे, ___ आशा नहीं निष्फल एक भी हो.
हां काम चीते मनके सदाही, ___ अखण्ड सौभाग्यवती सती हो." इसे चढ़ा के शिरपे सती ये,
पाों लगी जा ऋषिपत्नियोंके " हो अष्टपुत्रा सुखिया " उन्होंने
असीस दो खूब प्रसन्न होके पैरों पड़ी जा गुरु-लोकके भी __ कहे उन्होंने शुभ वाक्य ऐसे “आरोग्य सम्पत्ति अटूट होवे
हो बाल बांका पतिका न तेरे."
TERRENCECAREER