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जब यह हुई अवस्थावाली ___ अजब निराली रंगरुपसे, ... इसको देख शची सकुचानी, ___पानी उतर गया रति-मुखका. इसकी तनुका सुन्दर वर्ण
समझ, ताव पर सुवर्ग रक्खा खूब तपाया जाताहै वह - पाताहै कब तुलना तब भी ? जितने जगमें थे परमागु___ सुंदरताके, सभी जडे थेइसकी तनुमें; नखसे सिखतक . बस सुरूप यह थी इसकीसी. बूंघरवाले, लम्बे लम्बे, ___ काले, सुरभित, घने, मुलायम,
केश सुकेशी भी लख इसके ___कभी नहीं सन्मुख आतीथी.
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