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कथनी कथे सो पुत हमारा, वेद पढे सो नाती; रहनी रहे सो गुरु हमारा, हम है ताके साथी. ७'
Work, work in the living present:
Heart within, and God, overhead. वातो करवान काम नथी, काळजु ठेकाणे राखीने अने परमात्माने गिर पर राखीने आजे-आजेज काम करो. 'कर्मयोगनीआ हीमायत बहुज उत्तम छे. ईश्वर आवो छे ने देवो नथी, ईश्वर छे के नथी, ईश्वर कर्त्ता छे के नथी, एवी बूमो पाडनाराओ पोताने जे काइ खरुं लागतुं होय टलं पण जो करवा मांडता होय-अने लॉन्ग
लोनी सलाह प्रमाणे काळजुं टेकाणे राखीने करवा मांडता होय, तो करता करतां बधुं ज्ञान मळी रहेशे. जे जेने लायक छे तेने ते माव्या वगर नथी ज रहेतुं.
(७) पोतानी बुद्धि मुजव कथनी कथे ते माणस कबीरने मन 'छोकरा' जेवो छे; एथी आगळ वधीने जे माणस 'वेद' भणे से कबीरनो 'नातीलो छ; अने एथीए आगळ वधीने जे माणस आचारशुद्धि अथवा उच्च चारित्र पाळे छे ते तो कबीरने मन 'तुरु' छे. आ बहु समनवा जेवू . कथनी कथनार कबीरना पुत्र समान छे एटले के तं माणस कमअक्कलनो-छोकरमत छे अने रहेनी तो कबीरजी पोताना पुत्र जेटली दया खाय छे. जे माणस वेद भणे छे एटले (विद् = जाणवू; 'वेद' एटले ज्ञाननो संग्रह) जे माणस ज्ञाननां पुस्तको भणे छे ते कबीरजीनो 'नातीलो' एटले एक ज वर्गनो. होय एम कबीरजी (विवेकने लीधे ) कहे छे. जो के पोते ते स्थितिथी आगळ वधी गया छे तो पण' पोतानी वडाइ करवी पसंद न होवाथी कहे छे के हुं पण हजी