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________________ સમાચાર સાર श्री वैनशासन (सहवाडी ) सूरीश्वरजी म. आदि अषाढ़ सुद ३ दि. २७-२००३ को रामपुरा बाजार कोटा (राजस्थान) में चातुर्मास प्रवेश करेंगे एवं प्रवर्तिनी साध्वीजी हर्षितप्रज्ञा श्रीजी की सुशिष्या तपोसाध्वीजी चेतोदर्शिता श्रीजी आदि का भी कोटा में चतुर्मास होगा. उनके साथ सलंग १५०० आयंबिल तपस्विनी साध्वीजी मैत्रीसुधा श्रीजी भी जुठाण चलावी ठगाई करनारनी बीना - वांचको - भाविको सावधान श्रीमान 1दनेशभाइ के. शाह जय जिनेन्द्र | बेंगलोर आपश्री साथे आज फोनमां वात थइ ए प्रमाणे आपणे विगत लखी मोकलावुं छं परंतु प. पू. आ. श्री विजयजिनेन्द्र सूरीश्वरजी महा. साहेबना संपर्कमां जे श्रावण भाई छे ओमना नाम, टेलिफोन नंबर वे माहिती ठगी करनार भईओने केवी रीते अचुक खबर पडे छे ते वात ध्यानमां आवती नथी? आ बाबत सतर्क रहेवुं जरुरी छे. ठगीबाबत पुनामां थयेल घटनानो क्रम नीचे प्रमाणे छे अ जाणजो (१) बेंगलोरथी सुभाषभाई राजाजीनगर मंदिरना ट्रस्टी करीने त २०-२-०४ सवारना अग्यारथी बारना वचे बेचार फोन आव्या तेमां आचार्य भगवंतना दवानी रकम रू.२७,६०० आपजो कही फोन मुंबई वैधविकास अमृतलालनो फोन के बेंगलोरथी ट्रस्टी सुभाषभाइनो फोन के आप धने मुंबईमां रकम अपावो हमे तमने रकम मोकला आपीये छे. फरीथी सुभाषभाई ट्रस्टीनो फोन, अत्यारे अभी दवा लइने विमानथी वैद्य पासेथी माणस आव्यो ते ओना पैसा रू. २८,९०० पण आपी देजो ते दवा सानो लाभ लेनार भाई पासेथी रकम लई आपने मोवी आपीये छे साहेबनी तब्यत सारी नथी दवानी सख्त जरूर छे ऐटले आप पैसानुं काम करावजो ते माते अहीं (बेंगलोर) साहेब के हमने शरमावुं पडे नहीं तेवी राते उपराउपरी चार पांच फोन आव्या ने सामेथी वैद्य विकासनो फोन के साहेब माटे दवा ૨૯૫ पधारेंगे. वर्ष : 19: १८ ता. ३०-३-२००४ त्रिलोकबन्धु गन्ना परिवारने अपने ही परिवार के जेठ वद १० दि. २५-५-०३ को चार दीक्षाका भव्य संपन्न करवाकर मुनिश्री रामरत्न विजयजी का आयोजन किया यह सोने मे सुगंध समान था । मोकलावेली छे तेना पैसा आप पासे लेवाना कह्या छे ओवी आखा दिवसमां दस बार फोन बेंगलोर - मुंबईथी आया. पुनाथी फोन करी पूछवा माटे शंका नहीं ओवी ते अमने काम लीधुं. फरी २७-२-०४ना रोज सुभाषभाई ट्रस्टी तरीके फोन के मुंबईना वर्धमान प्रिन्टींगवाळाने छपाई कामना बाकी रहेल रू. ९०,००० आपो. हमे कुल रूपया १,४८,२०० सुमनभाई जिनमाळ वाला साथे आपने आजे मोकलावेल छे. फरी सुभाषभाईन फोन के रू. ९०,००० प्रेसवालानो माणस अहीं लेवा आव्यो परंतु आपने रकम मोकलावी दीधी छे. अत्यारे अही रकम उपलब्ध नथी अटले आप मुंबई आपवानी व्यवस्था करशो ते पछी तरत ज मुंबईथी मुकेशभाईनो फोन आपना पासेथी रकम लेवानुं फोनथी समाचार आव्या छे. आ. साहेबनुं छपाईनुं काम कुल ७,००,००० थयुं छे तेमां रू.३,००,००० लंडनथी आव्या छे बाकी रुपीया लाभ लेनार श्रावक भाइ तरफथी मळ्या छे. पण अमां रू.१०,००० बाकी रह्या छे ते आपने आपवा कह्या छे ते आप मुंबई अपावो. आ प्रमाणे पण आठ दस मुंबई बेंगलोरथी थया ता. २२-२-०४ रविवार होवाथी मारे आ लोको साथे वातचीत थइ नहीं परन्तु सोमवार सवारना अग्यार वागे सुमनभाई नाशिकथी बोलु, आपणे आपवा माटे बेंगलोरथी सुभाषभाई ट्रस्टीने मारी साथै १,४८,२०० मोकलाव्या छे ते गुरुवारना दिवसे २६-०२-०४ पुना बपोरे बार वाग्या सुधी लावी आपशुं कारण पालिताणा हमारे अंर्जट जावुं पडे छे हमे घणा जणा बेगलोरथी बस लईने आव्या छीए ने हमारे
SR No.537269
Book TitleJain Shasan 2003 2004 Book 16 Ank 01 to 48
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremchand Meghji Gudhka, Hemendrakumar Mansukhlal Shah, Sureshchandra Kirchand Sheth, Panachand Pada
PublisherMahavir Shasan Prkashan Mandir
Publication Year2003
Total Pages382
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shasan, & India
File Size23 MB
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