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________________ सभापति शेठ खेतशीभाईका व्याख्यान. ५९ त्रुटि हो तो सुधार करें और जहां ऐसी पाठशाला या विद्यालयका अभाव हो वहां पर शीघ्र ऐसी शिक्षाका उचित प्रबन्ध करें। (ख) जैन क्रमवार वांचनमाला (टेक्सट बुक) तैयार करें और प्रत्येक पाठशाला या विद्यालयोंमें एक ही प्रणालीसे शिक्षा दी जाय और वार्षिक परीक्षा भी एक ही साथ ली जाय इसका प्रबन्ध करें और परीक्षाके पश्चात् उत्तीर्ण छात्रोंको प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट) और पारितोषिक आदिकी व्यवस्था करें। ... (ग) जीवविचार, नवतत्त्व, दंडक, क्षेत्रसमास, संग्रहणी, कर्मग्रन्थ और प्रतिक्रमणादि विषयों पर सरल भाषामें अर्थ सहित पुस्तकें शोधकर प्रकाशित करनेका जो प्रबन्ध चल रहा है उसका कार्य शीघ्रताके साथ सम्पूर्ण करावें। (घ) विद्यार्थियोंके लिये छात्र वृत्ति (स्कालरसिप) तथा पुस्तकोंकी सहायता जैन बोर्डिगमें उनको मुफ्त (फ्री) रखनेका प्रबन्ध करें। (ङ) तीर्थस्थानोंके पहोंच (रसिद) बूकमें और और खाताओंके साथ श्री जैन कान्फ्रेन्स केलवणी फण्डकी कालम दाखिल करनेके लिये श्री तारंगाजी तीर्थके ट्रष्टी महाशयगणने स्वीकार किया हैं इसके लिये यह कान्फ्रेन्स उनको धन्यवाद देती हैं और दूसरे दूसरे तीर्थक दृष्टियों या कार्यवाहकोंके साथ इसी प्रकार प्रबन्ध करनेके लिये बोर्डको सूचित करती है। शिक्षादिकी उन्नति करनेके लिये कइएक लोकल सब कमीटियां स्थापन कराने चाहिए । यह सब-कमीटियां स्थानिय शिक्षा व समाज उन्नति कारक कार्योका बंदोबस्त करेगी और स्थानिक चंदा वगैरह इसका खर्च निर्वाह करेगी। एव प्रत्येक वर्ष Conference का Education Board के मारफत कान्फरन्समें हिसाव पेस करेगी, Conference का Education Board अगर किसी खरच संबन्धि विषयमें अनुरोध करे तो सब कमिटियां उसे करनेमें बाध्य रहेगी। लोकल सब कमिटियां की नियमावली व स्थानादि Education Board निर्धारित करेगी। ____ जो भ्राता ( भाई ) रु० ५ दर वर्व चंदाका देगी वह इस ऐज्युकेशन बोर्डका मेम्बर गिना जायगा और जो आदमि इकट्ठा रु० १००, देगा वह इस बोर्डका लाईफ मेम्बर हो सकता है । सब मेम्बरोंको ऐज्युकेशन बोर्डमें वोट देनेका अधिकार है और जनरल बोर्ड के मिलने तक बोर्डके कार्य करनेकी २५ मेम्बरोंकी एक मेनिजिंग कमिटी करनेकी सत्ता बम्बईके मेम्बरोंको दिया जाता है । यह
SR No.536514
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1918 Book 14
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Dalichand Desai
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1918
Total Pages186
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size18 MB
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