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________________ ड. . जैन कॉन्फरन्स हरल्ड.. संसारके गृहस्थ मात्रके संबंधोंमें पितापुत्रका संबंध दिव्य प्रेमसे भरा हुआहै ! पिताका हृदय पुत्रके लिये कुछ ईश्वरीय हृदयसे कम नहीं होता?--- ( लेखक ). पिताके परलोकगमनके बाद उनके मित्र जीरानिवासी जोधामल्ल--जोकि जातिके वैश्य थे-आपको अपने ग्राममें ले आए. इसवक्त आपकी आयु चरदह वर्षकी थी. वैराग्यका प्रादुर्भाव. पिताका देहान्त होने बाद आपके मानसिक विचारोंमें बहुत कुछ परिवर्तन हो गया, पौद्गलिक पदार्थोंसे आपकी वृत्ति वहुत संकुचित होने लगी, प्राकृत पदार्थोकी यथार्थ स्थितिपर आप बहुत कुछ विचार करने लगे, प्रकृतिके वंचनशील मनोहर दृश्योंपर दृष्टिपात करतेहुए आप यूं कहा करते थे"ऐ गुल न फुल रंग अपनी खिजांसे डर-दुनियाके सबज़ बागमें बूए बफा नहीं" ऐ मन ! यह क्षण परिवर्तनशील दृश्य तेरी वंचना हीके लिये हैं ! इनमें आसक्त न होकर हृदयकंदरामें विराजमान आत्मतत्त्वकाही अन्वेषण करना तुझे उचित है. ! वैराग्यके पवित्र स्रोतमें वहते हुए आपके मुखसे किसी समय ऐसे उद्गार निकला करते. थे"कमर बांधे हुए चलनेको हम सब यार बैठे हैं-बहुत आगे गये बाकी जो है तैयार बैठे है." ऐ जीव! जिन पदार्थोंसे तैने इतना घनिष्ट संबंध बढ़ाया है एक दिन आवेगा जब सबके सब तेरेसे किनारा कर जावेंगे ! तूं आज जिनके दुःखसे दुःखी और सुखसे सुखी अपनेको मान रहा है वे कल तुझे क्षणभरके लियेभी स्थान देनेमें संकोच करेंगे! इस लिये उचित है कि, इनके छोड़नेसे प्रथमही तुं इनसे किनारा करै ! इसीमें तेरा श्रेयः है ! इसी आंदोलनमें लगे आपको दो वर्ष गुजरगये परंतु किसी योग्य व्यक्तिसे समागम नहीं हुआ ! ढुंढ़क मतकी दीक्षा. जीरानिवासी ओसवाल वैश्योंसे (जोकि उसवक्त ढुंढ़क पंथके अनुयायी थे ) संबंध होने के कारण ढुंढ़क मतके साधुओंसे परिचय हो गया * इनके संबंधसे आप ढुंढकमतकेही प्रेमी ही गये. ___ * पंजाबमें उसबक्ते सबके सब ढुंढ़क पंथके हो प्रेमी बन हुए थे. ढुंढ़क मतके साधु ओंका जीरा गाममें विशेष कर आना जावा होता था. ढुंढ़क पंथ जैन धर्मयेसे निकला हुआ एक जुदा फिरका है ! इसको निकले हुए अनुमान दो अढाई सौ वर्ष हुए हैं.
SR No.536509
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1913 Book 09
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Dalichand Desai
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1913
Total Pages420
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size12 MB
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