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૧૮- ૮- ૦ ઉપદેશક મી॰ હરખચંદ ભાભાભાઇ માત આવ્યા, ०-८-० भोटु श्रीजावर १-४-० गावहर २ -८-० अरीयाशी ४-८-० साहीह १-८-० लांला १-०-० लागक्षयर
हिंसाको कमीका १ उपाय.
१७- ८-०
१८-८-०
ઉપદેશક મી. દેવશી પાનાચંદ માત આવ્યા. ०- ८-० नसुभरा
० - ४-० वा मेशन्न
१- १२-० गढेयउ २-०-० सी अ १७-८-०
3- 0-0 2412 CHSL ५-१२-० हांता
कुल ३. ३२२-०-० २८५४-१०-०
[ ९१
४-१२-० लामोशी २०८-० तान्पर
२-४-० भेट शोद्वार
२-०-० लाखा
जीवहिंसाकी कमीका १ उपाय.
'समराट सिरोमणा श्रीमान अकबर बादशाहने मुसलमान होकर भी अपनी हिंदु और जैन प्रजाकी दया और धर्म नीति के ध्यान और लोकहितार्थके जानसे जीवहिंसा बहुत कुछ बंद करदीथी और उसके लिये कई उपयोगी नियम भी नियत कर दियेथे कि जिनसे सालभर में कई २ दिन जीवहिंसा और शिकार बंद रहतीथी उनके सपूतपूत सुसमराट जहांगीरनेभी उन्हीं नियमों का अपना आदर्श बनाकर राज सिंहासन पर विराजमान होते ही जीवहिंसाकी बंदीका हुक्म जारी किया जिसकी नकल तुजुक जहांगीरसे नीचे लिखी जाती है ।
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१ वडिल अव्वल के महीने में जो मेरे जन्मका महीना है. १८ तारीख से उतने दिनों तक जो मेरी उमरके वर्षों के बराबर हों १ दिनको १ वर्ष मान कर पशुबध बंद करें |
१. तुजुक जहांगीरी जहांगीर बादशाह की दिनचर्या की पुस्तक है जो स्वयं जहांगीरने लिखी है और उसका हिंदी उल्थाभी मैंने करके छपवा दिया है।
२. इस नियम से १ वर्ष में १० महीने से अधिक जीवहिंसा नहीं होती थी जहांगीर ३० वर्ष की अवस्था में राजसिंहासनपर बैठेथे ३८ दिन तो राजभिषेक