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________________ AAAARA १०२ જેને કેન્ફરન્સ હેર, श्रीस ___गत वर्ष भानपूरा निवासी चोरडिया पेमराजजी जो के इस मेलेके प्रबंधक है एक पंत्र श्री जैन श्वेताम्बर कान्फरन्सके मालवा प्रान्तिक आफिस प्रतापगढमें ईस आशयका भेजा के प्रान्तिक सक्रेटरी श्रीयुत्त शेठ लक्ष्मीचंदजी साहब घीयाको ईस अवसर पर पधारना चाहिए मगर उक्त शेठ साहबके यहां विवाहका कार्य होनेकी वजह वहां जाना असंभव हुवा और आपने एक उपदेशक दावडा केसरीमलजीको उपदेशार्थ भेजदिये. ईस वर्षे पुनः एक एक पत्र उक्त प्रबंधक महाशय व जमनालालजी गोरीलालजी वेदव हीरालालजी भेरूलालजी निजा निवासीका आया के ईस वर्ष तो शेठ साहबुको जरूर ही पधारना चाहिए, इस परसे शेठ साहबने एक पत्र श्री जैन श्वेताम्बर कान्फरन्स आफिस बंबईको लिखा कि एक सदोपदेशक जिस्के भाषण प्रभावशाली हो पडासली मेलेके मोकेपर भेजना चाहिए लेकिन हींदी भाषाका जानने वाला उपदेशक नहीं मिलनेसे कान्फरन्स आफिससे संतोषजनक उत्तर न मिला. शेठ साहबने इस मेलेके मोकेपर जानेका विचार अपने मित्र साबिक दीवान साहब मनालालजी भाचावतसे किया. - उक्त दोनो महोदय ता. २४-२-०९ को रवाना होकर श्यामको श्यामगढ स्टेशन पर पहुंचे और ता. २५-२-०९ के फजरमें पडासली पधारे. आपके पधारनेकी खबर वहां पहलेही तारद्वारा पहुंच चुकीथी इससे वहांके प्रबंधक व आमत यात्रीयोंने आपका सहर्ष स्वागत किया और वहां दरशन पूजन बडे आनंदसे कीयी. .: यात्री करिब दोतीन सहस्रके आएथे व्यापारियोंका बाजार भी लगाथा मानो जंगल में मंगल दिखताथा. उसदिन रथयात्राका उत्सव बडेही समारोहके साथ मय रथ यात्राके किया गया, बेंड व फोनोग्राफ, नकारे, निशान, हाथी घांडे संगात मंडलीको खूब धूम थी बडाही उम्दः दृश्य था, सवारी पिछी ५ बज मंदिर में पहुंची. रातकों आरती हुवे बाद शेठ साहबने " धर्म व तिथान्नति" के विषयमें वडाही मनमोहक प्रभावशाली करिब २१॥ घंटे तक भाषण दिया. असर उस्का यह हुवा के आगत सज्जनाने एक तीर्थोद्दार कमेटी स्थापन करनेकी ईच्छा प्रकट की. - सब संघने राय मिलाकर एक पडासली तीर्थीद्धार कमेटी स्थापीत की व निम्न लिखित उस्के सेक्रेटरी व मेम्बर चुने गए. सक्रेटरी. सा. पेमराजजी चोरडिया भानपूरा निवासी. मेम्बर. सा. हीरालालजी मेरुलालजी सकलेचा रुनिज.
SR No.536505
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1909 Book 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Dalichand Desai
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1909
Total Pages438
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size11 MB
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