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________________ ३४०] જૈન કેન્ફરન્સ હેરલ્ડ. [२१४१२ ४ मरन जनममें सूतकके १२ दिन बाद पानीके मटके याने गारके बरतन दूसरा बदलना. ५ केसर ढढा छाप सिवाय भगवानके चढावां नहीं तथा खांण पीणसे नहीं बापरां. बम्बईमें गोडीजीके मंदिर वो आदेश्वर के मंदिरमें केशर चढे उनका ठिकानासे मंगाकर श्री प्रतिमाजीके चढाना. ६ मोरस खांड खावां नहीं तथा व्योपार करां नहीं. ७ एक स्त्री परणी मोजुद हो तो दूसरी ओरत नहीं करां कदाचित करे तो पंचांकी इजा जत लेकर करै. ८ ब्यावमें सिरै बाजारमें ओरत वगैरा कदीमसे नहीं नांचती है और आगे सु नहीं नाचेगी. ९ रजस्वला स्त्री ४ दिनके अंदर घरको काम नहीं करै तथा गांवांभास्यां नहीं दूवै. १० पानीका प्रामडासे उपर सरवो राखकर पानी भरना और दूसरा लोटासे पानी पीना और पाना. ११ रातको भोजन पांचों तिथियों नहीं करनी. १२ खेती करना नहीं और दूसरोंको कराना नहीं. १३ होलीमें पत्थर वो धूल नहीं डालनी और मर्द ओरतोंको गालिया नहीं देगी. .१४ पर्दूषणमें अठाई करे और भादवा सुद ५ के दिन साता पूछनेके लिये जावे तो। नजदीकके गांवोंमे एक दिन सिवाय ज्यादा नहीं रहवे और दूरके गांवोंमे १॥ दिन सिवाय ज्यादा नहीं रहवे. १५ तिलांकी घाणी करावां नहीं. होली पेली तिल बेच देणा. घांचियोंको तिल बदले तेल लेणो नहीं. ११ जिस घरमें मृतक होवेतो श्रद्धा प्रमाणे कुतों को मीठाई नाकणी. १७ मृतक हो जावे तो रातको रोणा नहीं. और सूर्य उदय होने पहले बासी पल्ला लेणा नहीं. १८ नात वो सेवग वो कुलगुरुको चीलम वो कांसीकी थाली देनी दूसरोंको देणी नहीं. १९ कसाई जातके सामिल ब्योपार करणो नहीं.. २० हलवाई नीच जातके घर काम करवा जावे नहीं तथा बरतन कडाई वगैर। देवे नहीं. २१ नीच जातके सामिल पानी कुवेमें भरना नहीं. २२ धोबीके हाथका पानी पीना नहीं.
SR No.536503
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1907 Book 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1907
Total Pages428
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size12 MB
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