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________________ ૧૯૦૭] સરકારના કારોબારમાં હિંદીઓને વધારે વિસે આપવાની યોજનાઓ. [૩૧૯ छे के आपणे आखा हिंदुस्ताननी दोलतनो अडधो भाग धराववानुं मान धरावीए छीए ! ते छतां आपणे हिंदुस्थानना आगेवानो नहि पण बीजा पाछळ घसडाता, आळसु, बेदरकार पुरुषोनी माफक धन अने मान धरावा छतां देशने मोटे भागे उपयोगी थया नथी. एवी आपणी वृतिने लीधे आपणे कांई ओछु खम्युं नथी ! ज्यारे नानामां नानी धार्मिक लागणीने मान अपाय छे, त्यारे आपणी लागणीने कोइ पण मान आपतुं नथी. अने ज्यां तेवु मान अपाय छे, तेवा मात्र अपवाद रूपज दाखला जडी शकशे. ज्यारे नानामां नानी कोमना संख्याबंध तहेवारो सरकार पण स्वीकारे छे, त्यारे आपणा तहेवारो स्वीकारता नथी ! ज्यारे आखा देशमां तेवा दिवसोए रजा पाळवामां आवे छे, त्यारे आपणा पर्युषणपर्वमा दिवसोमां पण कोइ खातां बंध थतां नथी. ज्यारे बीजी नानी कोम पोताना कायदानो अमल करी शके छे त्यारे आपणी उपर बीजाना कायदानो अमल थाय छे.. गिरनार, अने समेतशिखर जेवा तीर्थोमां एज कारणे आशातनाना स्थान थवानो संजोग उभो थयो छे, अने धारासभाओमां कोइए पण ते सबंधमां एक स्वाल सरखो पण पूछयो नथी. आपणा अकबरना वखतथी ते औरंगजेबना वखतसुधीना धर्मना स्थानना रक्षणने लगता दस्तावेजो तेज कारणथी नकामा थई पडया छे ! इतीहासो, वांचनमाळाना पुस्तको अने अनार्य के आर्य प्रजाना विद्वानोना ग्रंथो आपणेसारू अनेक भूलभर्या विचारो बतावे छे ! मुसलमान के पारसी भाईबंध कोमने ज्यारे केळवणी खाताना वडाओए एवा खोटा विचारो माटे घटित जवाबो आप्या छे, त्यारे आपणी अरजीओना जवाबो योग्य रीतना मळ्या नथी, उडावनाराज मळ्या छे. आ बधाना सबब शुं छे ? ते सबबो शोधवा दूर जवु पडे एम नथी. मूळ कारण आपणी कोममाथी कोइ पण मोटा होदाउपर नथी ते छे. तेमज आपणे आळसु, स्वार्थी, देशसेवामां पाछळ पडेला, पोतानुज घर संभाळनारा, अने धार्मिक के सार्वजनिक खाताओनी पण, आपणा स्वार्थना भोगे संभाळ नहीं राखनारा थया छीए. आपणी आसपास शुं थाय छे, तेनी आपणे दरकार करता नथी ! ज्यां मुधी खावाने अन्न अने गुलामी अवस्था छतां फरवाने गाडी घोडा, अने नहावाने तथा पीवाने पाणी मळे छे त्यांसुधी आपणे, आपणापर असर करनारा संजोगो अने द्रव्योतरफ जोवानी जरूर जोता नथी ? संजोगो, हवा, अणुओ, अने भाईबंध कोमोनी असर, सहवासनी असर, ने संगतनी असर
SR No.536503
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1907 Book 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1907
Total Pages428
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size12 MB
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