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________________ २४०] જૈન કેન્ફરન્સ હેરલ્ડ. [सौगष्ट है कि जैन कोन्फरन्सके ईन्सपेक्टर तथा अहलकार आवे जिनको जैन मंदिरोंके भंडारका नामा लेखा दुरस्त कराके जांचप्रताल करा देवो और रात रहवे जठे चोकी पहराका बंदोबस्त करा देवो और सरस्ता मुजब कीरायासाटे सवारीरो बन्दोबस्त करादो ईणमें गलती राखसो नहीं फकत ता० ५ जुलाय सन १९०७ मुताबिक मिती आसोज वद १० समत. १९६३ रा दा० (Sa). भंडारी सुरजचंदजी. हाकिम बाली. नकल प्रवाना हकुमतबाली नम्बर. २ श्रीजी सत्य छै. अज हकुमतबाली गोडवाङ व ईजलास भंडारीजीश्री-सुरजचंदजी साहब हाकिम साहैब हकुमत बाली ता० ५ जोलाई सन १९०७ मुताबिक मिती असाढ वद १०. मोहोर. बरायईतला थानेदारान पोलिस व हवालदारान हवाला वो कामदारान ताजीमी ठीकाणे जातको तहरीर कीया जाताहै के बम्बई जैन श्वेताम्बर कोन्फरन्स से मारवाडके जैन मंदिरोंकी मरामत व हीसाबकी जांचप्रताल वो दुरूस्तीका कराना चाहते हैं और यह काम मदद देकर करादेनेके बाबत हीरालालजी ईन्सपेक्टर कोन्फरन्स राजपुतानाने प्रचा महको आलीया खास ता० २८ जुन सन हाल नम्बरी ३६०५ का बजरीये रीपोर्ट पेश कीया ईस लिये लिखा जाताहै कि जैन कोन्फरन्सके ईन्सपेक्टर तथा अहलकार आवे जिनको मदद देकर जैन मंदिरोंके भंडारके नावां लेखाकी दुरुस्ती कराके जांचप्रताल करा देवो, और मरमतके बारेमें भी मदद देसो, और रातरेवे जठे चोकी पोहोरारो बन्दोबस्त कराय देसो. ने कीराया साटे सवारीरो बन्दोबस्त कराय सरस्ता मुजब कीरायो दिराय देसो ईणमे गफलत राखसो नही. फक्त. (Sd). भंडारी सुरजचन्दजी हाकिम बाली. ईभ कार्यवाहीके बाद प्रथम बिजोवा श्री संघको ईकठा कर मुनिमहाराजश्री जैन धर्मोपदेष्टा कोन्फरन्सके प्रेमी कमलमुनिजीके सम्मुख खानगी तोरसे समझास की गई जिसका संक्षिप्त खुलासा.
SR No.536503
Book TitleJain Shwetambar Conference Herald 1907 Book 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGulabchand Dhadda
PublisherJain Shwetambar Conference
Publication Year1907
Total Pages428
LanguageGujarati
ClassificationMagazine, India_Jain Shwetambar Conference Herald, & India
File Size12 MB
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