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१७६ ] જેન કોન્ફરન્સ હેરલ્ડ
[न. १५ उनडी वालोंनेभी रजस्वला स्त्रीके हाथका खाना पीना तथा चिलम गैर जातिको देना
' बंद करके लिखत किया । १६ पोसणा वालोंनेभी रजस्वला स्त्रीके हाथका खाना पीना तथा चिलम गैर जातिको देना
बंद करके लिखत किया ॥ १७ सेणे गांवके समस्त जैनी इकठे होकर लिखत किया की नीचे लिखे मुताबिक बर्ताव
नहीं करेगा उससे कलम नंबर १-२-३ के मुआफिक रूपया ११ ) और नंबर ४ के मुआफिक रू. ५१ ) श्री मिंदरजी तालुके लिया जावेगा जो रूपया नहीं देवेगा उसका जात संबंधी लेन देन बंद रहेगा ॥ (१) जो हमेससे चिलम हरेक जातिके शामिल पीतेहैं वे अब जैनी स्वधर्मी भाइयोंके
सिवाय किसी जातिके शामिल चिलम नहीं पावे ॥ . (२) रजस्वला स्त्री घरका सब काम करतीहै सो अब उसके हाथका खाना पीना
कोई नहीं लेवे ॥ (३) स्त्रियां सुबहके वक्त हमेशां बासी पला लेतीहै सो अब कोईभी बासी पला ले
कर रोवे नहीं ॥ ४ घिरत हरेक कोमका लेतेहैं और मोरूसी खांड लातेहै सो अब कोई जैनी गैर . .. जातिको घी और मोरीसी खांड नहीं खरीदे और बेचे नहीं ॥ १८ बाघरांके समस्त जैनी भाइयोंने भी सेणा गांव वालोंके मुताबीक बंदोबस्त करके लि। खत कर दिया ॥ १९ ‘सेतु गांवके समस्त जैनियोंनेभी सेणा वालोंके मुआफिक प्रबंध करके लिखत किया. २० आकोलीके समस्त जैनियोंनेभी सेणा वालोंके माफिक बंदोबस्त करके लिखत क
. रदिया ॥ २१ पादरडोके समस्त पंच जैनियोंनेभी ऊपर लिखित बातोका प्रबंध करके लिखितमें यहभी
लिखा की अपनी स्वजाति जैनियों सिवाय गैर कोमके हाथसे गला हुआ अफीमभी नहीं . . लेवे अगर कोई लेवेगा तो उससे रूपया १।) मिंदरजीकी केसरके वास्ते लिया जावेगा २२ हरजी, अठावरी, गुडा बालोतांन इन तीनों गावोंके समस्त जैनी इकठे होकर बासी पला
लेणा बंद करके सेवाके साथ गांवमें डूंडी पिटवा दी की अगर कोई अब बासी पला .. लेवेगा उससे फी औरत रूपया १। सवा श्री मिंदरजीकी केसरके वास्ते लिया जावेगा।
. - बासी पलायानी मृत्यूवालेके घर प्रातःकालका रोना बंद किया ॥